Hindi diwas pr speech

 Doston jaisa ki aap Jaan rahe   दोस्तों जैसा कि आप जा रहे हैं की हिंदी दिवस आने वाला है नेक्स्ट मंथ यानी कि अगले महीने एक दो शब्द अगर अन्य भाषा के भी निकल जाए तो यह ना समझना कि मैं हिंदी प्रेमी नहीं हूं या हिंदी भाषा से मतलब नहीं रखता हूं केवल यहां पर कुछ खाने के लिए ही आया हूं मैं हिंदी प्रेमी हूं और हिंदी भाषा से मेरा ताल्लुक रोजाना रहता है और मैं हिंदी ही लिखता हूं और हिंदी पढ़ता हूं हिंदी भाषा में मेरे कार्यक्रम रहते हैं हिंदी भाषा में मेरा बात तालाब रहता है हिंदी भाषा में हिंदी भाषा ही मेरी जननी है और हिंदी में ही मेरा दिनचर्या रहती है और मैं हिंदी दिनचर्या को ही फॉलो करता हूं लड़की में किसी विदेशी दिनचर्या को फॉलो करता हूं मैं नौकरी भी नहीं करता मैं अपनी खेती करके ही कार्य करता हूं और हिंदी का मैं इतना ज्यादा जमीन की हिंदी मेरी रग रग में बसी हुई है लेकिन जैसा कि आज कल के दौर में आप देख सकते हैं कि गांव-गांव में भी लोग अंग्रेजी भाषा के शब्द हिंदी में मिलकर कुछ इस तरह से फिल्म में बोलते चले जा रहे हैं जैसे कि वह हिंदी के ही शब्द हूं और जाने अनजाने अंग्रेजी और अंग्रेजी भाषा सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है हिंदी भाषा के लिए क्योंकि अंग्रेजी भाषा हर जगह डिजिटल मीडिया में हमेशा अंग्रेजी भाषा का ही बच्चा सो रहा है भारत जैसे देश में और डिजिटल मीडिया अभी बहुत ज्यादा बूम पर है और जहां से शब्द जो है वह डायरेक्टली हिंदी भाषा में आ रहे हैं और उनको लोग यूं ही अपनाते चले जा रहे हैं जैसे मालूम है हिंदी भाषा के ही शब्द है अभी एक नया शब्द बहुत पुराना शब्द है और इस नए तरीके से लोग उसे कर रहे हैं टाइम अब टाइम गांव में भी कोई समय को समय नहीं कहता टाइम कहता है टाइम टाइम सब इंग्लिश भाषा का शब्द है ना की हिंदी भाषा का टाइम क्या हुआ है फास्ट फूड फास्ट अंग्रेजी भाषा का ही शब्द माना जा सकता है की बहुत सारा भाषा शब्दों का चलन ऐसे हो चुका है कि लोग उन्हें हिंदी की तरह ही लेते हैं जैसे हेडाचे हेडाचे है क्या तंत्र है और भी बहुत सारे शब्द ऐसे हैं शब्दों के प्रयोग एक दूसरे भाषा में होते रहते हैं कहीं से प्रभावित होती है कोई भाषा तो उसमें नयापन आता है और नयापन ही विकास की पता है नब शुद्ध करता है मुझे लगता है कि यह गूगल भी मेरी भाषा नहीं समझ पा रहा है मैं जो चीज बोलना चाह रहा हूं मैं नहीं लिख पा रहा हूं टेक्नोलॉजी का प्रयोग चाहे कितना भी कर ले अपनी भाषा को प्रयोग विकसित करने के लिए टेक्नोलॉजी हमारी भाषा को बढ़ाने में उतना ही सहायक हो सकती है जितने कि उसे टेक्नोलॉजी की बनाने वाले वैज्ञानिक नाम से ज्यादा ना हमसे कम टेक्नोलॉजी के प्रयोग से भाषाओं का विस्तार करनेमें सबसे बड़ी घटना यह है कि इसमें कोई नयापन नहीं आता है टेक्नोलॉजी अभी इतनी ज्यादा सक्षम नहीं हुई है कि वह नए-नए शब्दों का शब्दों को सीख कर अन्य भाषाओं से अब टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपनी भाषा में इस्तेमाल कर सके हिंदी भाषा में इस्तेमाल कर सके इन सब चीजों में अभी इंसान ही भूमिका निभाता है वह नई-नई चीजों को ग्रहण करता है ग्रहण करता है अन्य जगह से और उसे अपनी भाषा में अपनी बोली में समाहित करके एक नए अर्थ में बोलता है तब उसमें नयापन आता है भाषा में और भाषा का यह नयापन मनुष्य ही दे सकता है भाषा को ना की कोई तकनीक आगे आने वाले समय में यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ जाता है कृत रिम तरीके से बोलने वाले यदि कंप्यूटर से या फिर समझने वाले कंप्यूटर के प्रोग्राम्स अगर इस भाषा के विकास में सहायक हो सके तो शायद अलग बात होगी लेकिन आजकल के दौर में भाषा के विकास केवल मनुष्य के ही हाथ में है और मनुष्य जो भाषा बोलता है उसमें विकास होना होगा ही क्योंकि भाषा मनुष्य जो है नए-नए शब्दों को इधर-उधर से ग्रहण करके अपनी भाषा में बोलकर उन्हें अच्छे से रिप्रेजेंट करता है तोइसी क्रम में मैं यह कहना चाहूंगा कि अपनी भाषा का विकास करने के लिए इस भाषा को बोलिए और समझिए इस भाषा के अलावा भी और भाषण बोलिए समझिए सुनिए लेकिन अपनी भाषा जवाब बोलेंगे तो अपनी भाषा में निर्णय प्रयोग आप करेंगे और इस भाषा का विकास करेंगे इस सक्षम बनाएंगे और इस भाषा को विलुप्त होने से बचाएंगे जिस भाषा में सबसे ज्यादा अक्षर होते हैं शायद परिभाषा सबसे ज्यादा प्रभावित तरीके से बहुत सारे इमोशंस और बहुत सारे बटन को रिप्रेजेंट कर सकती है तो हमारी हिंदी भाषा में 39 अक्षर होते हैं जो की अंग्रेजी भाषा से कहीं ज्यादा है और इस तरह से हम देख सकते हैं कि उन्होंने अक्षरों के विभिन्न प्रयोग से हम कहीं ज्यादा भावनाओं और संभावनाओं को रिप्रेजेंट कर सकते हैं अपनी भाषा में इंग्लिश की तुलना मेंतो ऐसी भाषा को उपलब्ध होने देना मेरा ही मुक्त होगी और इस भाषा का प्रयोग करते रहने से ही हम अपनी भाषा का विकास संभव कर सकेंगे इसी बात के साथ में अपनी गाड़ी को विराम देता हूं धन्यवाद मैं आपकी बातों को सुन रहा आपने मेरी बातों को बहुत अच्छे से सुनकर इस निर्णय पर पहुंचा है कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं आज सभा को छोड़कर ना जाऊं और मैं इसमें बोलता रहूं इस तरीके से ही और दिन भर बोलो में सबसे बात करूं सबको समझो यदि भाषा की त्रुटि के कारण मेरी कोई बात तो आपकी समझ में ना आई हो या उसका अर्थ अनर्थ हुआ हो तो उसके लिए मैं क्षमा चाहूंगा बाकी मैं आपका तहे दिल से आभारी हूं कि आप यहां पर आए और आपने मेरी बात सुनी बहुत-बहुत धन्यवाद

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