हिंदी हास्य कविता Hasya Kavita in Hindi
हिंदी हास्य व्यंग कविता तनाव दूर करने के लिए एक सशक्त उपाय और है, जो प्राचीन काल में तो प्रचलित था ही, आजकल के आधुनिक दौर में भी विशेष प्रचलित और लोकप्रिय है।
हास्य कविता: समाज का हँसता हुआ दर्पण
हास्य कविता साहित्य की वह विधा है, जो समाज को गुदगुदाने के साथ-साथ उसे आईना दिखाने का कार्य करती है। यह गंभीर विषयों को भी सरल, सहज और हास्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती है, ताकि पाठक और श्रोता न केवल आनंदित हों, बल्कि सीख भी लें। हास्य कविता की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह लोगों को हंसाते-हंसाते समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने को प्रेरित करती है।
भारतीय साहित्य में हास्य कविताओं की समृद्ध परंपरा रही है। कवि काका हाथरसी, जो अपने अनूठे अंदाज़ और व्यंग्यपूर्ण शैली के लिए जाने जाते हैं, ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर कटाक्ष किया। उनकी कविताएं हास्य के साथ व्यंग्य का अद्भुत मिश्रण हैं। श्री सुरेंद्र शर्मा की "चौपाईयां" और "चौथा मजनूं" जैसे हास्य रचनाएं आज भी लोगों को लोटपोट कर देती हैं।
इसी क्रम में अशोक चक्रधर का नाम भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिनकी कविताएं न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि समाज के विभिन्न पक्षों पर गहराई से विचार करने को बाध्य करती हैं। उनकी हास्य कविताओं में अद्भुत चुटीलापन और भाषा की सरलता देखी जा सकती है। शंभु शिखर और ओम व्यास ‘ओम’ भी समकालीन हास्य कवियों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, जिनकी कविताएं आधुनिक समाज की जटिलताओं पर हास्य के माध्यम से प्रकाश डालती हैं।
हास्य व्यंग के जीवन में अलग ही मायने हैं हास्य हमें अपने जीवन की परेशानियों से ऊपर उठकर हमें हसने हसाने का अवसर प्रदान करता है जिससे हमारी मनस्तिथि सुधरती है और हम अपने ध्यान परेशानियों से हटाकर अन्यत्र कहीं लगा सकते हैं। आजकल की तनाव भरी जिंदगी में तो हास्य की आवश्यकता और जयदा होती जा रही हैं। परन्तु आधुनिक हास्य में शायद वह बात नहीं जो हर उम्र के लोगो के मन को प्रफुल्लित कर सके। यहाँ हम हिंदी साहित्य की व्यंग रचनाओं के साथ साथ आधुनिक हिंदी हास्य कविताओं को दे रहे हैं ताकि हर उम्र के लोग इन कविताओं को पढ़कर अपने जीवन में हास्य का अनुभव कर सके।
हास्य कविताओं की यह विशेषता है कि वे गंभीरता को बोझ नहीं बनने देतीं। वे जीवन के कठोर यथार्थ को हास्य के माध्यम से प्रस्तुत कर मनुष्य के मन को हल्का करती हैं। हास्य कवियों ने इस विधा को न केवल समृद्ध किया है, बल्कि साहित्य में इसे एक ऊंचा स्थान दिलाया है।
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