LIC Index plus policy in hindi

 




LIC (Life Insurance Corporation of India) की Index Plus Policy एक यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) थी, जिसे मुख्य रूप से निवेश और बीमा सुरक्षा के संयोजन के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह पॉलिसी भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स (जैसे Nifty या Sensex) की परफॉर्मेंस से जुड़ी थी। हालांकि यह पॉलिसी वर्तमान में बंद हो चुकी है, इसके मूलभूत पहलुओं को समझने के लिए इसे नीचे विस्तार से समझाया गया है।



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1. पॉलिसी का उद्देश्य


Index Plus Policy का उद्देश्य था कि निवेशकों को बाजार आधारित रिटर्न के साथ जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाए। इस पॉलिसी का मुख्य लाभ यह था कि यह बाजार में निवेश करते हुए सुरक्षा भी सुनिश्चित करती थी।



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2. मुख्य विशेषताएं


a. यूनिट-लिंक्ड प्लान


इस पॉलिसी का निवेश भाग यूनिट्स के रूप में होता था।


पॉलिसीधारक का प्रीमियम विभिन्न फंड्स में निवेश किया जाता था, जिनकी परफॉर्मेंस स्टॉक मार्केट के इंडेक्स (जैसे Nifty 50) पर आधारित होती थी।



b. फंड विकल्प


LIC Index Plus Policy ने दो प्रकार के फंड विकल्प प्रदान किए थे:


1. Secured Fund: यह सुरक्षित फंड था, जहां पॉलिसीधारक का पैसा मुख्य रूप से डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता था। इसमें जोखिम कम था।



2. Risk Fund: यह उच्च जोखिम वाला फंड था, जहां पैसा इक्विटी मार्केट (शेयर बाजार) में निवेश किया जाता था। इसमें जोखिम ज्यादा था, लेकिन रिटर्न की संभावना भी अधिक थी।




c. मृत्यु लाभ (Death Benefit)


यदि पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती थी, तो नॉमिनी को बीमित राशि (Sum Assured) या यूनिट्स का फंड वैल्यू, जो भी अधिक हो, प्रदान की जाती थी।



d. परिपक्वता लाभ (Maturity Benefit)


पॉलिसी की अवधि समाप्त होने पर पॉलिसीधारक को यूनिट्स की फंड वैल्यू दी जाती थी।


यदि फंड की परफॉर्मेंस अच्छी होती थी, तो पॉलिसीधारक को बेहतर रिटर्न मिलता था।



e. प्रीमियम का लचीलापन


पॉलिसीधारक के पास नियमित प्रीमियम भुगतान का विकल्प था।


न्यूनतम प्रीमियम राशि तय थी, लेकिन पॉलिसीधारक अतिरिक्त टॉप-अप प्रीमियम भी जमा कर सकता था।




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3. लाभ (Benefits)


a. निवेश और बीमा का संयोजन


यह पॉलिसी निवेश और बीमा दोनों के फायदे एक साथ प्रदान करती थी। यानी निवेशकों को शेयर बाजार के प्रदर्शन से लाभ मिलता था, साथ ही जीवन बीमा कवर भी मिलता था।


b. इंडेक्स आधारित रिटर्न


यह पॉलिसी शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स (जैसे Nifty या Sensex) की परफॉर्मेंस के साथ लिंक थी। इसका मतलब यह था कि यदि बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है, तो निवेशकों को उच्च रिटर्न मिलता था।


c. टैक्स लाभ


पॉलिसीधारक को आयकर अधिनियम की धारा 80C और 10(10D) के तहत टैक्स में छूट मिलती थी।


d. मार्केट जोखिम का विकल्प


पॉलिसीधारक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार Secured Fund या Risk Fund का चुनाव कर सकता था।


e. टॉप-अप विकल्प


यह पॉलिसी टॉप-अप प्रीमियम का विकल्प प्रदान करती थी, जिससे पॉलिसीधारक अतिरिक्त निवेश कर सकता था और अपनी यूनिट्स की फंड वैल्यू बढ़ा सकता था।



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4. सीमाएं (Limitations)


a. बाजार जोखिम


चूंकि यह पॉलिसी स्टॉक मार्केट पर निर्भर थी, इसलिए फंड का रिटर्न पूरी तरह बाजार की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता था।


यदि बाजार गिरता था, तो रिटर्न कम हो सकता था।



b. उच्च शुल्क (Charges)


ULIP योजनाओं में विभिन्न प्रकार के शुल्क लागू होते थे, जैसे:


प्रीमियम आवंटन शुल्क (Premium Allocation Charge)


प्रशासनिक शुल्क (Policy Administration Charge)


फंड मैनेजमेंट शुल्क (Fund Management Charge)


मोर्टेलिटी शुल्क (Mortality Charge)




c. समय सीमा


यह पॉलिसी लंबी अवधि के लिए डिज़ाइन की गई थी, इसलिए छोटे समय के निवेशक इसे कम पसंद कर सकते थे।




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5. किसके लिए उपयुक्त थी यह पॉलिसी?


ऐसे निवेशक जो बाजार आधारित रिटर्न के साथ बीमा सुरक्षा चाहते थे।


मध्यम से उच्च जोखिम लेने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति।


वे लोग जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते थे।


टैक्स बचाने के इच्छुक व्यक्ति।




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6. पॉलिसी का कार्य करने का तरीका


1. प्रीमियम भुगतान: पॉलिसीधारक नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान करता था।



2. फंड में निवेश: पेड प्रीमियम का एक हिस्सा पॉलिसीधारक के चुने हुए फंड (Secured या Risk Fund) में निवेश किया जाता था।



3. यूनिट्स का आवंटन: निवेश की गई राशि के आधार पर यूनिट्स आवंटित की जाती थीं।



4. फंड की ग्रोथ: फंड की वैल्यू शेयर बाजार की परफॉर्मेंस के साथ घटती-बढ़ती रहती थी।



5. मृत्यु या परिपक्वता पर भुगतान:


मृत्यु होने पर नॉमिनी को लाभ मिलता था।


पॉलिसी अवधि पूरी होने पर परिपक्वता राशि दी जाती थी।






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7. समापन और निष्कर्ष


LIC Index Plus Policy एक बेहतरीन पॉलिसी थी, जो बाजार आधारित रिटर्न और बीमा कवर प्रदान करती थी। यह निवेशकों को जोखिम लेने के विकल्प देती थी और लंबी अवधि के लिए टैक्स-सेविंग और रिटर्न प्राप्त करने का अच्छा माध्यम थी। हालांकि, पॉलिसी का प्रदर्शन पूरी तरह से बाजार की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता था, इसलिए यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त थी, जो बाजार जोखिम को समझते थे और लंबी अवधि तक निवेशित रह सकते थे।


इस पॉलिसी के लाभ और सीमाओं को ध्यान में रखते हुए, इसे समझदारी से चुना जाना चाहिए था। वर्तमान में यह पॉलिसी बंद हो चुकी है, लेकिन इसकी मूल अवधारणा ULIP योजनाओं के माध्यम से समझी जा सकती है।


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