गणतंत्र दिवस हमारे देश में 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। 15 अगस्त को हम स्वतंत्र तो हो गए थे लेकिन उस स्वतंत्रता। को?
बरकरार रखने के लिए स्वतंत्रता को।
छोड़ने बनाए रखने के लिए जिस चीज की है जिस?
नियम कानून की आवश्यकता थी वह हमारे देश का संविधान। 26 जनवरी को लागू हुआ था और 26 जनवरी को इसलिए हम क्योंकि? संविधान के लागू होने से हमारा स्वराज्य का अधिकार।
भी लागू हो गया था। यदि इतना मिलने के बाद हम अपना संविधान लागू नहीं करते, संविधान नहीं बनाते। संविधान के निर्माता तो जाने अनजाने हमें किसी अन्य के संविधान के अनुसार या नियमों के अनुसार अपने देश में शासन और प्रशासन की व्यवस्थाएं चलानी होती जो कि अपना पति बना देती। अंग्रेजों ने भी परतंत्र में बनाया था तो उन्होंने हमें दास बना कर परतंत्र नहीं बनाया था। उन्होंने हमारे नियम और कानून बदल कर अपने हिसाब से नए नियम और कानून कड़े और हमें धीमे-धीमे परतंत्र बनाते चले गए। और फिर उनके जन्म इतने बढ़ गए कि हमें? 1 लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी अपने देश को स्वतंत्र कराने के लिए स्वतंत्र तो हम 15 अगस्त 1947 को हो गए थे पर स्वतंत्रता के सही मायने स्वराज्य के साथ ही।
साकार होते हैं जो राज्य को हासिल करने के लिए हमने संविधान।
बनाया और संविधान को 26 तारीख को लागू किया इसीलिए हम इस देश को। इस दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। स्वतंत्रता को छोड़ने बनाए रखने में हमारी सेना जो कि हमारे देश की सीमाओं पर। 24 घंटे पहरा देती है उसका सम्मान किया जाता है स्वतंत्रता के हमारे। सेनानी किसान?
किसान यदि देश में अगर अनाज पैदा ना करें तो देश खाद्यान्न रूप से परतंत्र हो जाएगा। यदि सैनिक अपने देश की रक्षा ना करें तो लोग चीन दूसरे देश सीमा पर कब्जा करके हमें पैसे परतंत्र बना लेंगे। सभी तरीके से स्वतंत्र बनाए रखने के लिए हमें सभी तरीके के नियम और। नीमा वालों की जो आवश्यकता थी वह हमारे संविधान ने मूर्ति की नीति निर्माताओं ने संविधान के निर्माताओं ने संविधान को बनाया 15 अगस्त 1947 से प्रारंभ होकर संविधान 26 नवंबर सन 1949 को खत्म हुआ उसके कुछ अनुच्छेद ज्योति 26 नवंबर
49 को ही लागू कर दिए गए थे लेकिन संविधान को पूरी तरीके से 26 जनवरी सन 1950 को लागू किया गया। इसीलिए! सन 1950 से 26 जनवरी के दिन हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं हैं।
गणतंत्र दिवस की।
महत्त्व स्वतंत्रता दिवस के महत्व से कम नहीं है।
इसको समझाने के लिए मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूं।
जब हम छोटे बच्चे थे। तब हमारे मां-बाप हमें घर में छोड़ जाते थे। यह सामने भी होते थे। हम स्वतंत्र तो थे कि हम कुछ भी कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं लेकिन नियम हमारे घर वालों के होते थे।
तो फिर काफी टेंशन होती थी कि नियमों में बंद कर हमें रहना पड़ता है। हमारे मां-बाप कितने परेशान करती हैं। माना कि उन्होंने जो नियम बनाए थे, वह अच्छे के लिए बनाए थे। ऐसे ही हमारे संविधान में जो नियम मेरे लिए बनाए गए हैं, वह हमारी पढ़ाई के लिए बनाए गए थे। यदि उस समय हमारे माता-पिता हम पर नियम नहीं लगाते। हमें अनुशासन में नहीं बांधते नियमों के माध्यम से।
तो हम भी जंगली यों की तरह इधर-उधर भटक रहे होते। जंगल में कोई अनुशासन नहीं होता। कोई बातचीत का तरीका नहीं होता।
और कोई व्यापार का तरीका नहीं होता यह कोई?
रीति रिवाज नहीं पनपते अगर व्यापक अर्थों में देखा जाए तो?
यही सब एक देश के रूप में देश के लिए जरूरी होता है कि उसके नागरिक एकता नियम के अनुसार ही कार्य करें। यदि सब लोग अपनी मर्जी से अपने तरीके के कार्य करते रहेंगे तो वह किसी निर्णय पर नहीं पहुंचेंगे और किसी एक निश्चित।
मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। और अफरा-तफरी अराजकता का माहौल बना रहेगा जिससे जीव की हानि ही होगी इसीलिए नियम कायदे कानून अनुशासन। मर्यादा यह सब एक स्वस्थ समाज का हिस्सा होती हैं और यह इनकी पालना करना जरूरी होता है और जरूरी पालन करने के लिए हमारे पास लिखित नियम है और यह लिखित नियम हमारे संविधान के रूप में है। इसकी पालना करके हम आज। अपने देश के 74 वें गणतंत्र दिवस को।
मना रहे हैं। और अपने देश की सुख और समृद्धि की कामना करते हैं हमारा देश इसी तरीके से। विकास के पथ पर अग्रसर रहें और पूर्ण गणराज्य।
का ध्वज लेकर अपने नियमों के अनुसार अपने कार्य अपने कानून के अनुसार आगे बढ़ता रहे। ऐसी मेरी कामना है धन्यवाद!