Market discount everything explaination

 Blog Title: "बाजार सब कुछ डिस्काउंट करता है: गहराई से समझना"


Introduction


"बाजार सब कुछ डिस्काउंट करता है" (Market Discounts Everything) शेयर बाजार के प्रख्यात चार सिद्धांतों में से एक है। यह सिद्धांत, जो तकनीकी विश्लेषण की रीढ़ है, मानता है कि स्टॉक मार्केट में मौजूदा प्राइस पहले से ही सभी उपलब्ध जानकारी को दर्शाती है। जब कोई निवेशक या ट्रेडर बाजार में काम करता है, तो यह मूल धारणा होती है कि कीमत में निहित सभी सकारात्मक या नकारात्मक खबरें और भावनाएं पहले ही समाहित हो चुकी हैं।


आइए इस सिद्धांत को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह कैसे हमारे निवेश और ट्रेडिंग निर्णयों को प्रभावित करता है।



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1. सिद्धांत की नींव: क्या है 'बाजार सब कुछ डिस्काउंट करता है'?


यानी, यह तकनीकी विश्लेषण के इस सिद्धांत का तात्पर्य है कि किसी भी स्टॉक, इंडेक्स या बाजार की कीमत वर्तमान में सभी ज्ञात और अज्ञात घटनाओं का परिणाम होती है। इसमें बुनियादी (फंडामेंटल), राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक और यहां तक कि भावी समाचार शामिल होते हैं।


उदाहरण के लिए: किसी कंपनी का मुनाफा बढ़ने की खबर आने पर उसके शेयर की कीमत पहले ही ऊपर जा चुकी हो सकती है, क्योंकि बाजार में यह उम्मीद पहले से थी और इसकी संभावना को पहले ही मूल्य में समाहित कर लिया गया था।*



2. सूचना का प्रभाव: खबर बनाम बाजार की प्रतिक्रिया


यह सिद्धांत बाजार 'समाचार' और 'प्राइस मूवमेंट' के बीच संबंध पर प्रकाश डालता है। जब कोई नया घटनाक्रम होता है, तब बाजार उसकी तीव्रता के आधार पर प्रतिक्रिया करता है। हालांकि, क्योंकि बाजार में ऐसे बहुत से जानकार निवेशक और संस्थान होते हैं, इसलिए सूचना का असर तेजी से बाजार में समाहित हो जाता है।


कभी-कभी निवेशकों को यह कहते सुना जाता है कि "बाजार ने खबर आने से पहले ही उसे डिस्काउंट कर लिया।" मतलब, उम्मीदें और अनुमानों ने पहले ही मूवमेंट को प्रभावित कर दिया था।


3. विभिन्न कारकों का मूल्य पर प्रभाव


K. फंडामेंटल फैक्टर: - किसी न कंपनी की कीमत में डिस्काउंट होती है सभी मुनाफा, राजस्व, नए उत्पाद का लॉन्च आदि घटनाएं। - जैसे और एक निवेशक, भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निवेश करता है। यहां फंडामेंटल फैक्टर्स बाजार मूल्य को प्रभावित कर सकते हैं।


ख. राजनीतिक और आर्थिक घटनाएं: - जब कोई बड़ा सरकारी निर्णय लिया जाता है या वैश्विक स्तर पर आर्थिक नीति में बदलाव होता है, बाजार पहले से ही उस संभाव्यता को समझने का प्रयास करता है।


ग. मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव: - निवेशकों की भावनाएं, बाजार में डर और लालच का स्तर भी दामों में समाहित होता है। कभी-कभी अफवाह भी अल्पकालिक प्रभाव दे सकती है।


4. व्यावहारिक उदाहरण और केस स्टडीज


प्रमुख केस: 2020 का कोरोना महामारी संकट - जब मार्च 2020 में कोविड-19 के मामले तेजी से फैलने लगे, तो शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बाजार ने इसे एक ग्लोबल संकट के रूप में डिस्काउंट किया और शेयर प्राइस नीचे गिर गए। हालांकि, जब टीकों की खोज और आर्थिक सुधार की खबरें आने लगीं, तो यह बाजार में पहले ही सकारात्मक रूप में समाहित होने लगीं।


5. सीमाएँ और आलोचनाएँ


हालांकि "बाजार सब कुछ डिस्काउंट करता है" सिद्धांत बेहद शक्तिशाली है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं:


पूर्ण सूचना की उपलब्धता: सभी निवेशकों के पास एकसमान जानकारी नहीं होती, और यह मान लेना कि पूरी जानकारी बाजार में तुरंत समाहित हो जाएगी, कई बार व्यावहारिक नहीं होता।


अनिश्चितताएं और अप्रत्याशित घटनाएं: युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं, राजनीतिक अस्थिरता जैसी अनिश्चितताएं कभी-कभी बाजार को चौंका देती हैं।




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निष्कर्ष


"बाजार सब कुछ डिस्काउंट करता है" सिद्धांत यह संदेश देता है कि बाजार का मूल्य स्वयं में एक कहानी कहता है। इस तरह, तकनीकी विश्लेषकों के लिए यह मूल्य चार्ट और पैटर्न का अध्ययन करने का प्रमुख आधार है क्योंकि उन्हें लगता है कि मूल्य हर उस चीज को बताता है जो ज्ञात और अप्रत्याशित हो सकती है। इसलिए, यदि कोई निवेशक इस सिद्धांत को समझता है, तो वह बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होता है और बाजार की गहराई को अधिक अच्छे से पहचान सकता है।


मुझे आशा है कि इसबात को हम अपनी निवेश रणनीतियों में शामिल करें और बाजार के संकेतों को समझकर बेहतर निवेश के लिए तैयार रहें।


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आपके विचार और सुझाव स्वागत योग्य हैं। क्या यह सिद्धांत आपको उपयोगी लगा? हमें बताएँ।


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