Din dhal gya story


ज्यों ज्यों शाम बढ़ती जाती है त्यों त्यों गाड़ियों का शोर कानो में गहराता चला जाता है । गाड़ियों ट्रक और बसों के इंजन की एक स्वरीय आवाज मन मष्तिष्क में रस घोलने के बजाय टेंशन और बढ़ा देती है । कहने को तो रात आराम के लिए होती है। लेकिन आजकल के पार्टी animal नाम से पुकारे जाने वाले नवयुवक रात को धूम धड़ाका वाला म्यूजिक सुनते अक्सर यत्र तत्र सर्वत्र दिख जाते हैं । यह पार्टी एनिमल कहे जाने वाले लोग रात रात भर पार्टी करने में व्यस्त रहते हैं। दोपहर को चाय के साथ रात की थकान मिटाते हुए यह पार्टी एनिमल अगले दिन का प्लान करते नजर आते हैं। लगातार बजट कानफोड़ू म्यूजिक से पास पड़ोसी लोगो को अनिद्रा की संशय होती है बल्कि पशु पक्षी भी परेशान नजर आते है। परंतु अपनी मस्ती में मस्त सुनते ही कहाँ हैं किसी की इन्हें तो परवाह है तो केवल अपनी और अपनी पार्टी की। लिखने वाले ने यह यूँ ही थोड़े लिख दिया कि आंटी पुलिस बुला लेगी पार्टी फिर भी चलेगी।
इस तरह के गानों की धुन पर बेपरवाह थिरकते यह आज़ाद परिंदे अपनी पार्टी के लुफ्त में अनजाने में ही सही कितने लोगों को सताते हैं। लेकिन साहब यह तो ट्रेंड है सब कर रहे हैं तो हमको क्यों रोकते हो यह क्षकर अपना अधिकार जताने वाले यह  संवेदन हीन लोग अचानक से संवेदना से भर जाते हैं जब कोई सामाजिक घटना होती हैं तब सम्बेडनाओ का जो सैलाब उमड़ता है वह भी सामाजिक ताने बाने को त्रस्त करने वाला होता हैं । कभी अति संवेदना तो कबि नीरा संवेदन हीन होना यह  आम बात सी हो गयी है ऐसा लगता हैं अब मनुष्य भी कम्प्यूटर की भांति 0और 1  सी संवेदनाएं आंगिकार करता जा रहा है। जो मनुष्य की प्रकृति के खिलाफ है क्यों ओस प्रकारकी संवेदनाएं उसको कभी निरी प्रसन्नता तो कभी निरे दुख  में डुबो देती हैं। वह  मध्यम मार्गी नही रह पाता है जो उसके लिए असीम आनंद के द्वार खोल देती है ।
मध्यम मार्गी  होना सत्य के मार्ग पर चलना है। जैन और बौद्ध धर्म में मध्यम मार्गी होना बहुत ही अच्छा गुण मन गया है । 
सभी लोगो को यह गुण होना अच्छे समाज की ओर अग्रसर करेगा। समाज अत्यंत ही आवश्यक अच्छाई है। 
समाज का मानव के विकास में बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब मनुष्य असामाजिक था तब वह खानाबदोश जीवन जिया करता था । और बहुत ही खूंखार हुआ करता था। जब मनुष्य ने खेती करना प्रारम्भ किया तब मनुष्य ने एक जगह स्थायी रूप से रहना स्टार्ट किया । तब जाकर समाज का विकास हुआ और सामाज के विकास के साथ ही मनुष्य ने एक दूसरे से मिलकर रहकर सीखा ।  और आपसी सहयोग से सभी ने अपने कार्यों को और अच्छे से करना प्रारंभ कर दिया । 
समाज अच्छे लोगो को और अच्छा और बुरे लोगो को समाज के बाहर कर देता है।

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