पहले बसों में गली में बाजारों में गंजों के लिए चमेली के तेल बिकता था आजकल उसी तरह प्लान बिकते हैं गलियों में नुक़दड़ो पर बैंको में फ़ोन पर अब इसमें ताज़ा ताज़ा एक और नया माध्यम जुड़ गया है वह हैयूट्यूब या सही मायने में डिजिटल मीडिया। अब कुछ सयाने लोग दूसरे लोगो को 70 साल की उम्र में रिटायरमेन्ट के प्लान बेंच रहे हैं। भाई अब जमाना ही वो आ गया जब आदमी चाह कर भी रिटायर नही हो सकता हैं। पेंशन में जबकि आधी तनख्वाह मिलती हैं उसका नाम सुनकर ही खर्चे आधे करने के डर से आदमी सन्न रह जाता है। आजकल हर किसी को तो खर्चे बढ़ते जा रहे हैं । जब खर्चे दिन प्रतिदिन बढ़ेंगे। तब कोई क्योंकर रिटायरमेंट की सोचेगा । जबकि उसको पता है रिटायर होने पर एकढेला भी कमाई नही होने वाली। तो खर्चे क्या खाक करूँगा। इसी डर से रिटायरमेंट लेने से पहले नए काम की जुगाड़ में लग जाते हैं। कोई डिजिटल मार्केटिंग सीख रहा है कोई शेयर मार्केटिंग सीख रहा है तो कोई मल्टी लेवल मार्केटिंग में हाथ आजमा रहे है। सबके सपने बहुत ऊंचे हैं और सभी करोड़पति लोगो की तरह खर्चे करने चाहते हैं और सयाने लोग उन्हें रिटायरमेन्ट प्लान बता रहे हैं। वही मिसाल की लोग गंजो के लिए चमेली के तेल बेचने में लगे हैं।
ऐसा नही है की लोगो की इंकम नही बढ़ी है । अगर देखा जाय तो भारत में लोगो की इंकम बहुत तेज़ी से बढ़ी है लेकिन लोगो को यह नही पता ज्यादा पैसे बचाएं कैसे आजकल लोगो ने आय से ज्यादा खर्चे बढ़ा रकें हैं । इसको हम लोगो की फ़ाइनेंष्यल जागरूकता का आभाव कहें तो बेहतर होगा।
ऐसा नही है की लोगो की इंकम नही बढ़ी है । अगर देखा जाय तो भारत में लोगो की इंकम बहुत तेज़ी से बढ़ी है लेकिन लोगो को यह नही पता ज्यादा पैसे बचाएं कैसे आजकल लोगो ने आय से ज्यादा खर्चे बढ़ा रकें हैं । इसको हम लोगो की फ़ाइनेंष्यल जागरूकता का आभाव कहें तो बेहतर होगा।