Relationship and income

इनकम आजकल रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ रही है। आपकी इनकम के हिसाब से अपने अपने होते है नही तो उन्हें पराय होते देर नही लगती है। आपके दूरके रिश्तेदार भी आपके काम आ जाएंगे और आपसे ऐसे बात करेंगे जैसे उनसे सागा और कोई नही। बशर्ते आपकी और उनकी इनकम एक समान हो। बहिन दूसरी ओर आपके अपने भी पराय हो जाएंगे । यदि आपकी इनकम अलग अलग है। एक ही घर में दो सगे भाइयों की आपस में बात नही होगी अगर उनकी इनकम अलग अलग है। वहीं समान इनकम वाले मित्र जो खून के रिश्तेदार नही हैं वो आपके लिए आपके सगे भाई से भी ज्यादा कर जाएंगे। यह इनकम न जाने क्या क्या करवा दी। मैन तो यहां तक देखा है यदि घर में दो लोग है केवल पति और पत्नी और दोनों वर्किंग कलास से हैं। तो कम वेतन पाने वाला हमेशा नीचा देखता रहेगा बात बात पर। कहने को पति पत्नी को एक गाड़ी के दो पहिये कहा गया है। 
   अभी मेरे यहाँ एक बाकया हुआ। पत्नी जो कि पहले शिक़सामित्र थी। उनके पति प्राइमरी में सहायक अध्यापक थे। तब पति बAत बात पर उन्हें उनके शिक्षामित्र होने की याद दिलाकर उनकी बेइज्जती करते रहते थे। कुछ साल पहले एग्जाम हुआ पत्नी उसमे पास हो गयी और वो जूनियर मैं सहायक अध्यापक हो गईं। अब उनका ओहड़ापने पति के ओहदे से ज्यादा हो गया और वेतन भी । 
अब घर के हालात यह है । पत्नी जो पहले गऊ थीं अब शेर हो गयी है। और पति महोदय बस सुनते ही पाय जाते हैं।
             और एक बाकया पति चार्टेड अकाउंटेंट छोटे मोटे
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