किसान कैसे अपनी आय को दोगुना करें किसान जो कि आज अपने धान और गेहूं की फसल एमएसपी से भी कम रेट पर बेचने के लिए तैयार मजबूर हैं। वह अपनी आय कैसे दोगुनी करें और यह लोग नहीं आए करने का सपना कोई और नहीं बल्कि केंद्र सरकार द्वारा ही दिखाया गया सपना है। जरूरत है किसान के खर्चे कितने हो गए हैं कि अब वह एमएसपी पर अपने गेहूं और धान को बेचकर अपने घर के खर्च नहीं चला सकता है। सरकार को चाहिए कि वह एमएसपी मिनिमम सपोर्ट प्राइस न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसान के अधिकार घोषित करें। यदि से कम पर कोई भी व्यापारी किसान की फसल खरीद ता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। एमएफपीओ न्यूनतम समर्थन मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर ही फसल की कीमत। न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिभाषा के अनुसार बनती है। परंतु होता यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में से भी कठोतिया करके न्यूनतम से न्यूनतम स्तर पर किसान की फसल को खरीदा जाता है जबकि उसकी जो लागत है उसको एमआरपी जो ख्वाब है, वह एमआरपी पर मिल रहा है जो दवाइयां है भाई अमर पेपर मिल रही हैं। अब तो उसको खेत में काम करने वाले मजदूर भी कॉरपोरेट। मैं काम करने वाले बिहारी मजदूरों की कीमत पर लेने पड़ रहे हैं क्योंकि लोग कॉर्पोरेट में काम कर करके वही जीव का अजीब कल पाना चाहते हैं जो कि बने फैक्ट्रियों में मिलती है। वहां यदि मैंने ₹500 मिल रहे हैं तो वह खेत के मस्तान से भी यही कहेंगे कि वह 1 दिन भर ₹500 में ही काम कर पाएंगे। इस तरीके से किसान की लागत बहुत बढ़ती जा रही है। जबकि उसको अपना जो तैयार माल है जो अनाज है वह सरकार के द्वारा निर्धारित कीमतों पर बेचना पड़ता है और निर्धारित कीमत से भी कम पर बेचना पड़ता है। इससे किसान साल दर साल कर्ज में फंसता चला जाता है और अंत में उसके पास।
फांसी पर लटकने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। इन दुखद घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वह किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना सुनिश्चित करें। यदि कोई प्राइवेट व्यापारी भी किसान से फसल खरीद ता है तो वह न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर ना खरीदें। यह न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिभाषा होनी चाहिए और जो इंप्लीमेंट भी होनी चाहिए, अब किसान को अपनी आय दोगुनी करने के लिए क्या करना होगा। किसान को अपनी आय दोगुनी करने के लिए कुछ अन्य काम अगर पर करना चाहता है तो उसके पास समय नहीं है। जिस समय खेतों में काम करने हैं, उस समय वह दूसरे काम कैसे कर पाएगा?
तो हम यहां आज एक ऐसा तरीका लेकर आए हैं जो की खेती किसानी से ही संबंधित है और जिससे किसान अपनी आय को बड़ी आसानी से अपने बीच के समय में निकाल कर कम समय में देकर उसे एक अपने आय का स्रोत बना सकता है। वह कैसे जब गेहूं की बुवाई या कटाई का समय होता है। उस समय तो काम ज्यादा होता है लेकिन इसके बीच में किसान को गेहूं की खेत की केवल देखभाल करनी होती है। उस समय में अपेक्षाकृत काम कम रहता है। ऐसे समय में दो या 3 घंटे उसके पास एक ही दिन में बसते हैं तो वहीं दो या तीन घंटों का उपयोग करके एक अपनी जरूरत के हिसाब से इस काम को स्टार्ट करके अपनी आय का एक अन्य स्रोत बना सकता है। यह काम है। एक!
छोटी सी यूनिट से लेकर एक कमरे से स्टार्ट करके वह बड़े-बड़े फार्म बड़े-बड़े फार्म हाउसेस में भी कर सकते हैं। हां जी हां, हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे किसान एक छोटे से पॉलीबैग में मशरूम की खेती करके अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं। यहां हम आपको पॉलीबैग उपलब्ध भी करा रहे हैं जिसकी कीमत हमने रखी है। 30 30 रूपए की कीमत वाला यह पॉलीबैग आपको करीब 1 से 4 किलो तक मशरूम देता है। एक सीजन में जिसकी कीमत ₹100 होती है ₹100 कीमत का मशरूम यदि आप 4 किलो भी ले पाते हैं। एक पॉलीबैग से तो आपके पास ₹400 की इनकम होती है। 3 महीने के अंदर ₹400 की इनकम के लिए मात्र आपका जो खर्च आता है वह है ₹30 का और आपको यह पॉलीबैग एक अंधेरे रूम में रस्सी बांधकर राशियों पर लटकाने होते हैं। यदि कोई किसान। सो पॉलीबैग लगाना चाहता है तो उसके पास से मात्र ₹3000 का खर्चा होगा। 100 पॉलीबैग सेव है। 400 किलो तक इन्हीं 4 क्विंटल तक मशरूम होगा सकता है, प्रोडक्शन ले सकता है। 4 कुंटल मशरूम की कीमतें भी ₹100 के हिसाब से भी देखी जाए।
तो वह ₹40000 का होता है। इन्हीं की एक सीजन में किसान जो अपने 1 एकड़ में मेहनत करके गेहूं या ध्यान उगाता है उससे भी ज्यादा कीमत का मशरूम वह अपने 110 भाई 10 के रूम में उड़ा सकता है। उगा सकता है और इससे वह उस 1 एकड़ खेत के बराबर ही इनकम ले सकता है। इस तरह से यह मशरूम की खेती का कार्य किसान के लिए उपयोगी साबित होगा। दूसरी बात यह है कि यह मशरूम ओयस्टर मशरूम जो है, वह कम देखभाल से भी हो सकता है। इसे घर की महिलाएं भी आराम से उगा सकते हैं। इसका देखभाल कर सकती है तो महिलाओं के पास ही दिन में। समय है और खेत पर काम कर रहा है तो मशरूम की खेती महिलाएं भी करके अपने घर के आय में इजाफा कर सकती हैं और आय में इजाफा करने का यह कार्य एक रूम से लेकर 2 रूम 3 धूम 4 निंजा है, जिसके पास व्यवस्था है। वैसे जगह में करके इसको ज्यादा से ज्यादा इनकम इसके लिंग्स्की की जा सकती है। इस तरह से किसान अपनी आय को दोगुना तीन गुना से भी ज्यादा कर सकते हैं। मशरूम की खेती ओयस्टर मशरूम की खेती का फायदा यह है कि यदि आप इसको ताजा फल बाजार में बेचने में विफल रहते हैं। यदि आपका प्रोडक्शन का आधा ही मान लीजिए। बाजार में खपत हो रहा है। प्रतिदिन तो आप मशरूम को काटकर इसको सुखा सकते हैं। सूखा हुआ मकबूल प्रोटीन बनाने वालों! कंपनियां आपसे ले जाएंगे और आपको और महंगे कीमत पर यह मशरूम।
देखेगा। जिस तरह से आप देख सकते हैं कि इसमें मशरूम की खेती में आपका जो प्रोडक्शन का ब्लॉक प्रोडक्ट बेकार नहीं जाएगा। यदि आप इस को सुखाकर स्टोर भी कर लेंगे। तब वह भी आप 1 साल तक उसको किसी भी कंपनी को बेच सकते हैं क्योंकि सूखा हुआ मशरूम खराब नहीं होता। इसमें गुण अनाज की तरह गुण और अन्य बीमारियां नहीं लगती। यह पाउडर फॉर्म में कभी प्रवर्तक नहीं होगा। इसकी कीमत हमेशा बनी रहेगी तो इस तरह से आप उस मशरूम की खेती को करके अपनी आय दोगुनी तीन मिनी चार गुनी और अपने घर के आकार के हिसाब से जितना चाहे उतनी ज्यादा से ज्यादा मशरूम की बहस में स्थापित करके अपनी आय को कश्मीर गुनाह। बढ़ा सकते हैं।
धन्यवाद!