आर्य समाज भजन
Ishq jinko hai apne vatan se lyrics
इश्क जिनको है अपने वतन से वो खुद ही को मिटाते रहेंगे शमा महफ़िल में जलती रहेगी तो पतंगे भी आते रहेंगे।। इश्क कहने से आता नही हैं…
इश्क जिनको है अपने वतन से वो खुद ही को मिटाते रहेंगे शमा महफ़िल में जलती रहेगी तो पतंगे भी आते रहेंगे।। इश्क कहने से आता नही हैं…
हे परम पिता परमात्मा कर सब दुखा द खात्मा। सारी दुनिया तैनू पुकार रही तेरे रहम का कर इंतजार रही। तेरी मेहर जो हो जाय एक बारी यह …