इश्क जिनको है अपने वतन से वो खुद ही को मिटाते रहेंगे
शमा महफ़िल में जलती रहेगी तो पतंगे भी आते रहेंगे।।
इश्क कहने से आता नही हैं इसका बुज़दिल से नाता नही है
वो ही आशिक है जो अपने सरों को खुशी से कटाते रहेंगे।
इश्क़ करने का जो है तरीका उसको आजाद विश्मिल ने सीखा
उनका दुनिया से जाना न समझो वो सदा याद आते रहेंगे।
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आशिकों इश्क है तो बोलो ,नफ़्स को इश्क कहकर न तोलो
क्या हुआ गर इसके नशे में जिंदगानी गवाते रहेंगे
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ओ लावां इश्के दी अम्बरी उडारियाँ
सानु प्यार दिया चढ़ि हैं खुमारियाँ