Wasim barelvi shahab ke klaam

ग़ज़ल -वसीम बरेलवी साहब

मैं आसमां पे बहुत देर रह नहीं सकता मगर यह बात ज़मीं से तो कह नहीं सकता किसी के चेहरे को कब तक निगाह में रक्खूं सफ़र में एक …

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