देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान- प्रदीप के गीत

 

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी लिरिक्स

प्रदीप के गीत

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
सूरज ना बदला
चांद ना बदला
ना बदला आसमान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान?




आया समय बड़ा बेढंगा।
आज आदमी बना लफंगा
कहीं पर झगड़ा कहीं पर दंगा
नाच रहा नर होकर नंगा
छल और कपट के हाथो अपना बेच रहा  ईमान
कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान?




देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान ।




राम के भक्त रहीम के बंदे रचते आज फरेब के फंदे।
कितने यह मक्कार यह अंधे
देख लिए इनके भी धंदे

इन्ही की काली करतूतों से हुआ यह मुल्क मैदान
कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान?




जो हम आपस में ना लगा झगड़ते
बने हुए क्यों खेल बिगड़ते 
क्यों  यहां लाखों घर यह उजड़ते

क्यों यह बच्चे मां से बिछड़ते
फूट-फूटकर क्यों रोते प्यारे बाबू के प्राण
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान इंसान?


   Kavi pradeep ka geet dekh tere sansaar ki halat lyrics



कोई लाख करे रे चतुराई
करम का लेख मिटे न रे भाई-2

ज़रा समझो इसकी सच्चाई रे
करम का लेख मिटे ना रे भाई
इस दुनिया में भाग्य के आगे
चले किसी का उपाय
कागद हो तो तब कोई बांचे
करम न बांचा जाये
एक दिन इसी किस्मत के कारन
वन को गए थे रघुराई रे
करम का लेख मिटे ना रे भाई
कोई लाख करे चतुराई

करम का लेख मिटे ना रे भाई
करम का लेख मिटे ना रे भाई

काहे मनवा धीरज खोता
काहे तू नाहक रोये
अपना सोचा कभी न होता
भाग्य करे वो होये
चाहे हो राजा चाहे भिखारी
ठोकर सभी ने यहाँ कहै रे
करम का लेख मिटे ना रे भाई
कोई लाख करे चतुराई

करम का लेख मिटे ना रे भाई
करम का लेख मिटे ना रे भाई.



पिंजरे के पंछी रे
तेरा दर्द न जाने कोय

बाहर से तो खामोश रहे तू
भीतर भीतर रोये रे
तेरा दर्द न जाने कोय
तेरा दर्द न जाने कोय

कह न सके तू अपनी कहानी
तेरी भी पंछी क्या जिंदगानी रे
विधि ने तेरी कथा लिखी है
आंसू में कलम डुबोय
तेरा दर्द न जाने कोय

पिंजरे के पंछी रे

चुपके चुपके रोने वाले
रखना छुपा के दिल के छाले रे
यह पत्थर का देश है पगले
कोई न तेरा होय
तेरा दर्द न जाने कोय

पिंजरे के पंछी रे
तेरा दर्द न जाने कोय

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