कवि सम्मलेन
प्रणाम करता हूँ उस माँ को जिसके ईश्वर भी पैर छुता हैं- सुमित ओरछा
प्रणाम करता हूँ उस माँ को जिसके ईश्वर भी पैर छुता हैं, प्रणाम करता हूँ इस देश की पवन माटी को जिसे माँ भी मस्तक से लगाती हैं…
प्रणाम करता हूँ उस माँ को जिसके ईश्वर भी पैर छुता हैं, प्रणाम करता हूँ इस देश की पवन माटी को जिसे माँ भी मस्तक से लगाती हैं…
मेरा पहला प्यार था। हम हाल ही में 7 साल के रिश्ते के बाद अलग हो गए हैं। मैं अब भी इस लड़की से ज्यादा प्यार करता हूं , जब हम…
मनुष्य ने अन्याय किया है , और मैंने गौर किया है। आपको अंदाजा होना चाहिए कि 14 साल की एक लड़की को स्कूल में और टेलीविज़न पर यह…
तेरी यादो को प्यार करती हूँ... अंजुम रहबर की शायरी, गजलें (Anjum Rahbar Shayari , गजलें) कुछ नाम ऐसे होते है कु…