लव, फ्रेंडशिप, मोहब्बत , अट्रैक्शन शायरी इन हिंदी

 लव शायरी इन हिंदी

कुसूर तेरा नही जो मैं तेरी मोह्हबत का दीवाना हुआ।

कुदरत ने बनाया ही तुझे फुरसत में हैं परवाने जलाने को।।


मोह्हबत जज्वा है खुदी को मिटाने का

अहम करने  वालो को मोह्हबत नही होती।


मोहब्बत दूजा नाम न बन जाय वदन की नुमाइश का

इसीलिए अहसास दिल के हिस्से में आय।।


आंखें तो देखती है नजारे वो खूबसूरती के 

अहसास दिल करता है और आत्मा अनुभूति।।


करना भस्म अपने अहम को 

इंसान को इंसान बनाने का पहला सोपान है


सच्ची तेरी दुआ हो गर तो पानी में भी आग लग जाय।

तू खुदी को बुलंद तो कर की खुदा तेरी रजा लेने को मजबूर हो जाय।


मन में ही मार दो उन्हें हक़ीक़त में न लाओ

विचार जो समाज में अच्छे नही माने जाते।।

अट्रैक्शन शायरी इन हिंदी 

नसीब ख़ुदा लिखे तो जरूर मिलता है।

गर नसीब खुद लिखना हो तो मेहनत की कलम लगती है।।


त्योहारों पर पानी बचाने की नसीहत देने वालो,

तुम अपने आसपास के तालाब बचा लो तो बेहतर होगा,।


आईना भी तेरी शक्ल निहारे

ऐसी खूबसूरती की ऐसी कामना किस काम की है रे।


सोने के जेवर क्या बढ़ाएंगे खूबसूरती उसकी

जो खुद में ही हीरा हो, सूरत पर क्या मरे का कोई

जो कायल कोई तेरी सीरत का हो।।



नजरो करम मुझ पर इतना न कर

की मैं तेरी मोहब्बत का आदि हो जाऊं

न पिलाया कर जाम मुझे इश्क का 

की मैं इस जहर का आदि हो जाऊं।


समझो तो इन आँखों की मस्तियों को

इशारों में यह बात दिल की वयां कर जाती हैं

आँखें उस्ताद होती हैं हक़ीक़त वयां करने में

जुबान तो बस शब्दों की मोहताज होती है।


प्यार में आंधी तूफान भी दब जाते हैं

प्यार जब उमड़ता है तो भावनाओ के 

समुद्र लहराते हैं।


और भी गम है जमाने में

आदमी कुत्ते सा हो जाता है प्यार निभाने में।


मेरे जज्बातों से वो यूँ खेल जाती है

मैं जब भी इजहार ए मोहब्बत करता हूँ

वो बस ठीक है बोल जाती है।


इश्क और मुश्क छूपाये नही छिपता 

फिर भी वो मुस्कुरा के जवाब टाल जाती है 

मेरे जज्बातों से वो इस तरह खेल जाती हैं।


कच्चे थी उम्र और प्यार उन्हें हो गया।

जब तक जवां हुए दो बच्चों का बाप हो गया।


ना रातों की परवाह न दिन में चैन

मोह्हबत ने कर रखा है उनको इतना बेचैन,

पल भर नही टिकता गालिब एक जगह

यह रूह होइ जाती है मन सी न चैन।



कर ले बंदगी उस भगवान की 

उसके हाथ में डोर है इंसान की,

कठपुतली से जब चाहेगा तुझे नाचायेगा

कभी रोकेगा कभी रुलाएगा

















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