निर्गुण भक्ति गीत लिरिक्स || Nirgun bhakti geet lyrics

 सारे  जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है 2

राजी हैं हम उसी में जिसमें  तेरी रजा है  


सारे जहाँ के मालिक तेरा  ही आसरा है 

हम क्या बताएं तुमको सबकुछ तुहे खबर है

हर हाल में हमारी तेरी तरफ नजर है

किस्मत है यह हमारी  जो तेरा फैसला है

सारे जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा  है


हाथो को हम दुआ की खातिर मिलाये कैसे

सजदे में तेरे आगे सर को झुकाएं कैसे 

प्रभु  मजबूरियां  हमारी  सब  तू ही  जानता है

सारे जहाँ के मालिक ......


रो कर कटे  या हसकर कटती  है  जिंदगानी

तू गम दे या ख़ुशी दे सब तेरी महरबानी

प्रभु, तेरी ख़ुशी समझकर सब गम भुला दिया है

सारे  जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है 2

राजी हैं हम उसी में जिसमें  तेरी रजा है 

सारे जहाँ  के मालिक तेरा ही आसरा है


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मेरे मालिक के दर बार में सब लोगो का  खाता

जैसा  जिसने कर्म किया है  वैसा ही फल  पाता

मेरे मालिक के दर बार में सब लोगो का  खाता2


क्या साधू क्या संत गृहस्थी क्या  राजा क्या रानी

प्रभु की बही में लिखी हुई है सबकी करुण कहानी

बड़े बड़े वो जमा खर्च का सही हिसाब लगाता

मेरे मालिक के दर बार में सब लोगो का  खाता 


नही  चले उनके घर रिश्वत नही चले चालाकी

उनकी अपनी लेन  देन की रीत बड़ी हैं बांकी

पुन्य की नैया  पार करे वो पापी स्वयं डूब जाता

मेरे मालिक के दरबार में सब लोगों का खाता


बड़े बड़े क़ानून हैं उनके बड़ी बड़ी मर्यादा

किसी को कौड़ी कम नही देता किसी को दमड़ी  ज्यादा

इसीलिए वो सारे जग का जगत सेठ कहलाता

मेरे मालिक के दरबार में  सब लोगों का खाता'


करता वही हिसाब सभी का इक आसान पर डटके

उनका फैसला कभी न बदले लाख कोई सर पटके

समझदार तो चुप  रहता है मूर्ख शोर मचाता

मेरे मालिक के दरबार में सब लोगों का खाता


उजली करनी करले बन्दे कर्म न  करियो काला

लाख आन्ख से देख रहा है तुझे देखने वाला

उनकी तेज नजर से बन्दे कोई नही बच पाता

मेरे मालिक के दरबार में सब लोगों का खाता


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जीवन है चार दिन का दो दिन की है जवानी २

 जब आएगा बुढ़ापा जब आएगा बुढ़ापा 

थक जाए चलते-चलते थक जाए चलते चलते 

सांसों का क्या भरोसा सांसों का क्या भरोसा

 रुक जाए चलते-चलते रुक जाए चलते-चलते ।।



समझा ना तू इशारा समझा न खेल इसका समझ न खेल इसका 

क्यों तेरी बात बिगड़ी क्यों तेरी बात बिगड़ी

 हर बार बनते बनते हर बार बनते बनते हो 

सांसों का क्या भरोसा सांसों का क्या भरोसा



तेरे साथ जाए रजनी तेरे कर्मों की कमाई 

गए बादशाह भी जग से गए बादशाह भी जग से

 यूं ही हाथ मलते मलते यूं ही हाथ मलते मलते हो

 सांसों का क्या भरोसा सांसों का क्या भरोसा 

रुक जाए चलते-चलते ।।




                           भजन २


नाम प्रभु का जप ले बंदे जीवन रह गया थोड़ा रे सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे  सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे 


काम आज का जो कल पर छोड़े वो कल भी ना पाता है पछताए फिर लाख बात में बीता  वक्त ना आता है हाथ में उसके कुछ भी ना आता मृग तृष्णा नाम जो तोड़ा रे सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे 


नाम कमाना बड़ा कठिन है नाम गवना है आसान नहीं किसी की बद्दुआ लेना गलत करो ना कोई काम याद करें जग इसने खुद को सारा सत्य कर्मों ने जोड़ा है सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे 


दुखी गरीब से मुख ना मोड़ो यह भी तो इंसान रे जाने कब किस रूप में आकर वोई खड़े भगवान रे बंदर सबको नाच नचाया राजा रंक ना छोडा रे सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे 


नाम प्रभु का जप ले बंदे जीवन रह गया थोड़ा रे झटपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे सरपट सरपट भागा जाए यह समय का घोड़ा रे 


                        भजन  3


एक डोली चली एक अर्थी चली डोली अर्थी से कुछ कहने लगी रास्ता तूने मेरा यूं कोटा किया सामने से चली जा तू ओ दिल जली 


चार तुझ में लगे चार कर मुझ में लगे फूल तुझे पर चढ़े फूल मुझ पर लगे फर्क इतना है तुझ में और मुझ में सखी तू विदा हो चली मैं अलविदा हो चली 


चूड़ी तेरी हरी चूड़ी मेरी हरी मांग दोनों की सिंदूर से है भरी फर्क कितना है तुझ में और मुझमें सखी तू जहां मैं चली मैं जहां से चली 


तुझे देखे पिया तेरे हंस दे पिया तुझे देखे पिया मेरे रोते पिया फर्क इतना है तुझ में और मुझ में सखी तू पिया के चली में पिया से चली


गोरे हाथों में मेहंदी जो तेरे लगी गोरे हाथों में मेहंदी वो मेरे लगी फर्क इतना है तुझ में और मुझ में सखी तू घर बसाने चली मैं घर बसा के चली 


लकड़ी तुझ में लगी लकड़ी मुझ में लगी लकड़ी यह भी सजी लकड़ी वो भी सजी फर्क इतना है तुझ में और मुझ में सखी तू लकड़ी से जली में लकड़ी में जली

 तू विदा हो चली मैं अलविदा हो चली

 तू जहां मैं चली मैं जहां से चली


                        भजन 4


 जगत में कोई न परमानेंट तेल चमेली चंदन साबुन चाहे लगा लो भैया सेंट जगत में कोई न परमानेंट जगत में कोई न परमानेंट


हरिद्वार चाहे मथुरा काशी घूमों दिल्ली कैट मन में नाम प्रभु का राखो चाहे धोती पहनो या पेंट जगत में कोई न परमानेंट जगत में कोई न परमानेंट 


राष्ट्रपति जर्नल कर्नल हो चाहे हो लिफ्टी नैट यह काल सभी को खा जाएगा लेडीज हो या जेंट्स जगत में कोई न परमानेंट जगत में कोई न परमानेंट 


साधु संत की संगत कर लो यह सच्ची गवर्मेंट कहे देवेंद्र  प्रभु दफ्तर से अरे मत होना अब्सेंट जगत में कोई न परमानेंट जगत में कोई न परमानेंट


गुरु बृजमोहन प्रभु दफ्तर से मत होना अब्सेंट जगत में कोई न परमानेंट जगत में कोई न परमानेंट



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                    भजन 5

क्या दुनिया में लाया था क्या तू लेकर जाएगा क्या दुनिया में लाया था क्या तू लेकर जाएगा मुट्ठी बांध के आया था हाथ पसारे जायेगा क्या दुनिया में लाया था क्या तू लेकर जाएगा 


हो झूठे जग के रिश्ते हैं कौन यहां पर तेरा है दुनिया रेन बसेरा है क्या तेरा है क्या मेरा है जो बोया वो पाएगा क्या तू लेकर जाएगा


जिसको अपना कहता है ना कोई तेरा अपना है जिसको अपना कहता है ना कोई तेरा अपना है दो दिन की जिन्द गानी है बाकी झूठा सपना है नाम प्रभु संग जाएगा राम नाम जो गाएगा जो बोया वो पाएगा क्या तू लेकर जाएगा 


 महल बनाया लकड़ी का तेज हवा ले जाती है दुनिया रंग बिरंगी है कोई ना तेरा साथी है 


                             भजन 6

 हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं  हैं

  हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं है 

  हुए है अपनों से लोग आहत है जिसका दिल फटा नहीं

 हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं है 


नहीं किसी का है अब भरोसा की कर दे कोई कहां पर धोखा नए जमाने की है हकीकत किसी के मन में दया नहीं है हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं है 

पिता का दुश्मन बना है बेटा की भाई भाई का शीश काटें  करा दे पत्नी पति की हत्या यह काम कोई नया नहीं हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं 


यहां है झूठों का बोल भाला है सच के मुंह पर सिर्फ ताला तू क्यों गरीबों का जी सुनो जी अमीर तुझ में हाया नहीं है हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं है 


  है प्यार भाई बहन का भाया सत्येंद्र नफरत यहां दिलों में            अनुज मोहब्बत का नाम धोखा है कौन विषसे भरा नहीं  है हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं हुए हैं अपनों से लोग आहत है जिसका दिल फटा नहीं हुई मतलबी है आज दुनिया किसी का कोई सगा नहीं है


                            भजन 7


   दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला  कोई चला गया कोई जावे कोई गठरी बाध सिधावे कोई खड़ा तैयार अकेला रे चला चली का खेला रे खेला रे खेला रे दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला 


 मात पिता सुत नारी भाई अंत सहायक ना ही फिर क्यों भरता पाप ठेला रे चला चली का खेला रे खेला रे खेला रे   दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला 


  यह तो है नस वर सन्संसारा भजन तो कर ले ईश का 

   प्यारा ब्रह्मानंद कहे सुन चेला चला चली का खेला रे  खेला रे खेला रे दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला  

                            

                        भजन 8


    जगत में सब मतलब के यार जिसके पास रहे धन दौलत उसके मित्र हजार अरे जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार 

            

   कोई किसी का नहीं जगत यह वेदों का सार अंत समय     में साथ ना देंगे कोठी बंगला कार जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार 

जिसके पास रहे धन दौलत उसके मित्र हजार अरे जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार 

   

   चार दिनों के खातिर हमको जीवन मिला उधर लूटपाट कर जोड़ रहे सब अरे माया अपरम पार जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार

  जिसके पास रहे धन दौलत उसके मित्र हजार अरे जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार 


   माता पिता बहन भाई से करते दुर्व्यवहार स्वार्थ सिद्ध में लगा हुआ है यहां सारा संसार जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार

   जिसके पास रहे धन दौलत उसके मित्र हजार अरे जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार 


   पाप पुण्य में नहीं कोई भी होता साझेदार अनुज सतेंद्र रूठ ना जाए अरे अपना पालनहार जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार

   जिसके पास रहे धन दौलत उसके मित्र हजार अरे जगत में सब मतलब के यार जगत में सब मतलब के यार

    

                     भजन 9


  मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

माता पिता तेरा कूट में कबिला विवता पड़ी  मर कोई ना किसी का इक दिन हंसा अकेला उड़ जाएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 


मान मेरा कहना मिट्टी में मिल जाएगा मिट्टी का खिलौना  मिट्टी में मिल जाएगा

  बेटा बेटा क्या करता है बेटा तेरा इक दिन पड़ोसी  बन जाएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

  बेटी बेटी क्या करता है बेटी तेरी इक जमाई ले जाएगा  मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा

 

  पड़ोसी पड़ोसी क्या करता है पड़ोसी इक दिन जला के चला जाएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा

 

  धन दौलत तेरे कोठो रे बगले इनसे ममता छोड़ दे पगले सब कुछ तेरा यहीं रह जाएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 


   मनुष्य जन्म तूने पाया रे बंदे कर्म न कर तू  जग में गंदे जैसा बीज बोया तू वैसा फल पाएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा 

   मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा









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