दंश

कभी जो थे खिलाफ उनके
नाच रहे आजकल खुद ही 
babydoll बनके।

समय समय की बात है 
समय समय का खेल 
करोडो की वैल्यू यहाँ है जो दसवीं फेल।
है जो दसवीं फेल कर रहे खूब कमाई
जिंदगी भर पढ़ते रहे 'लल्लन' हाथ फूटी कौड़ी न आई।
कहलायें बेरोजगार , रोजगार को दर दर भटकें।
पहले जूझते रहे किताबों से अब जिंदगी को जूझें।।







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