सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता | सैनिक पर हिंदी कविता | देशभक्ति कविता इन हिंदी


देशभक्ति कविता इन हिंदी में आप पढने जा रहे हैं इस पोस्ट में जो कि
सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता  है . यह देशभक्ति की कविता मूलतः सैनिकों को समर्पित है.



सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविताdeshbhakti kavita in hindi | सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता

मोहब्बत मुल्क से बेइंतहा फरमा रहे हैं
तिरंगे में लिपटकर वो अपने घर आ रहे हैं..

मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो शहीद हो गया.......!!



सुख भरपूर गया, माँग का सिंदूर गया ,
नन्हे नौनिहालों की लंगोटियाँ चली गयीं ..
बाप की दवाई गयी , भाई की पढ़ाई गयी ,
छोटी-छोटी बेटियों की चोटियाँ चली गयी ..
ऐसा विस्फोट हुआ , जिस्म का पता ही नहीं ,
पूरे जिस्म की ही ,बोटियाँ चली गयीं ..
कहने को तो बस एक आदमी मरा है साहब,
किन्तु उसके घर की तो ..
रोटियाँ चली गयीं ...


ek maa yeh kehte hue ro padi kyun lelein adha shareer apne bete ka jb tum bharti ke samay ek inch km hone par sena me nhi lete. #pulwamaAttack
aaj din bhar aise sandesh social media pr share hote rhe

un shaheedo ki aatma ko shanti mile jo desh ki seva karte waqt atmghaati humle ka shikaar hue.
akhir kb tak hum log ninda kerte rahenge.
"ताउम्र जन्नत में रह कर,
उसे उजाड़ने में गुज़ार दी;
और जिहाद बस इस बात की थी,
 कि मरने के बाद जन्नत मिले..."
Kasmir jb India ka integral part hai to isko desh se alag kerne ka nara lgaane walo ke sath itni narmi se kyun pesh aaya ja rha hai.
chalo maan lete hain wo bhatke hue navyuvak hai to inko sahi rasta kyun nhi dikhaya ja rha hai. kyun kashmir ke ala netao ko yeh dar hai ki agar kashminetao ko kasmiriyat ke khatam hone  ka khtra sataane lgta hai jb article 370 ko htaane ka jikr aata hain .  algaowadiyon dwara kashmiri yuvaon ko jannat ki hooron ke naam pr atmghaati hamle ko prerit krke kya kashmiriyat ko jyada samay tk jinda rakh payenge. bhla hai ki aap India ka hissa hain isiliye aapko kashmir aur kashmiriyat pr  gyaan baatne ka mauka mil rha hai. agar kahin pakistaan ke kabje mein pahunch jaate to na kashmir rehta na kashmiriyat. Aaj dekh lo khud pakistaan chinese bna ja rha hai.

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