लघु कथा

मोहन एक मूवरस पैकरस कमपनी मे काम करता था अभी शुरआती दिन थे घर पर मां की तबीयत खराब थी दवा तो ले दी थी पर मन काम पर जाने का नही था मगर मजबूरी थी काम नही करेगा तो घरवालो को क्या खिलाऐगा सो चला गया समान पैकिग करते वकत उसे एहसास हो गया उससे पैकिग करते हुए साब का एल ई डी टूट गया साब की शानोशोकत से अंदाजा था उसकी अगले तीन महीनो की सैलरी गई मगर अब क्या करे अगले कुछ घंटो मे समान अपनी मंजील पर था वैसै मोहन ने सोचा वो साहब को सबकुछ साफ साफ बता देगा मगर घरपर बीमार मां
अब मोहन ओर भी डर रहा था अबतो उसकी खैर नही बस सबकुछ शांती से निपट जाए वरना दंड के अलावा नोकरी भी चली जाएगी
तभी साब के बेटे ने कहा-पापा पहले टीवी लगवा दो आई पी एल मैच शुर होनेवाला है
मोहन डर रहा था कि उसकेसाथी ने टीवी की पैकिग हटाई देखा तो टीवी टूटा था
साथी ने तुरंत दूसरे साथी से कहा-रवि टीवी तो तुमने पैक किया था ये कैसै टूटा
साब का बेटा आगबबूलाहो गया मोहन की हालत बेहद खराब थी वो तुरंत साब के पेरो मै गिर पडा ओर सबकुछ सच सच बता डाला
साब भी गुससे मे थे मगर फिर खुदको संभालते बोले -कैसै टूटा
मोहन ने बता दिया घरपर मां बीमार है वो मां जिसने पिता के बाद उसकी लोगो के घरो मै झाडू पोंचा करके पढाया लिखाया एक अचछा इंसान बनाया मगर मे आज इस काबिल भी नही बन पाया की उसकी अचछे से हॉस्पिटल मे इलाज करवा संकू बस पास के डॉक्टर से दवा दिलवाकर काम पर चला आया ओर
कहकर रो पडा तभी साब का लडका गुससे मे बोला-तो तू हमारा टीवी तोड देगा
साब ने उसे चुपकराकर अंदर भेजा ओर फोन उठाया ओर बात करते बाहर चले गए मोहन ओर भी डर रहा था उसपर उसके साथी उसे ओर डराने लगे ........
कुछ ही पलो मे एक डॉक्टर के साथ अंदर आए ओर बोले -जाओ पहले अपनी माताजी का इलाज करवाओ ओर हां घबराना नही तुमहे कोई पैसा नही देना ये हमारे फैमिली डॉक्टर है ओर रही टीवी की बात तो वो भी भूल जाओ मे कोई शिकायत नही करूगा मगर एक वादा तुमसे चाहता हूं अपनी मां की सेवा ऐसे ही सदा करते रहना क्यों की दुनिया मे हर किसी को ये सौभागय नही मिलता कहकर परस मे लगी बुजुरग की फोटो देखकर रो पडे .....
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