क्या कोरोना वायरस सच में इतना खतरनाक है जितना कि अब तक मीडिया द्वारा इसके खतरे बताये गए हैं।कोरोना की वजह से मारने वाले लोगो की लाइव रिपोर्टिंग कर जनता में जो डर का माहौल बनाया गया है। लोगो को इतना डराया गया है कि अगर वे घर से बाहर भी निकलें तो कोरोना वायरस के शिकार हो जायेंगे। जो कि एक जानलेवा बीमारी है।
विश्वरूप रॉय चौधरी जी ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से वीडियो जारी कर कोरोना वायरस की सारी सच्चाई सामने ला कर रख दी है। कोरोना वायरस पर एडबाइसरी जारी करने वाली इग्लैंड की कमेटी ने खुद अपनी गलती मानते हुए यह स्वीकार किया है । कि कोरोना को वे जितना खतरनाक समझ रहे थे असल में यह उतना खतरनाक नही है। पहले यह माना जा रहा यथा की कोरोना की वजह से लगभाग 1 प्रतिशत लोगो की मौत होगी। आज जबकि कोरोना की बजह से होने वाली मौतों का 2 माह का डेटा आ चुका है। इसको देखकर साफ है कि कोरोना की वजह से सिर्फ .002 प्रतिशत लोगो की मृत्यु हुई है। इससे ज्यादा लोग तो साधारण वायरल की वजह से हर साल भर जाते हैं ।
दिनांक 13 अप्रैल 2020
कोरोना कांस्पीरेसी में एक नया अध्याय और जुड़ गया है। यह तो अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि कोरोना का लिंक कहीं न कहीं अमेरिका और चीन के मध्य चल रहे tradewar से हो सकता है। लोग यह कानाफूसी कर रहे थे कि चीन ने अमेरिका की इकॉनमी को तहस नहस करने के लिए यह वायरस बनाया है। और अमेरिका के सदर ने चीन पर जुर्माना वदूल्ने की बात कहकर कहीं न कहीं इसकी पुष्टि कर ही दी थी। परंतु आज एक नया सच सामने आया है कि चीन के वुहान शहर की जिस लैब से कोरोना वायरस फैलने की बात कही जा रही है दरअसल उस लैब की फंडिंग अमेरिका करता है। मतलब अब लोग अनुमान यह लगा रहे हैं कि अमेरिका ने जानबूझकर कहीं चीन को तबाह करने की योजना तो नही बना डाली थी। सच जो भी हो पर बहुत मजेदारऔर डरावना होगा । tradewar से स्टार्ट हुआ यह खेल असल में कितना गंदा और गहरा है इसका परत दर परत खुलासा समय के साथ। खुद व खुद हो जाएगा
विश्वरूप रॉय चौधरी जी ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से वीडियो जारी कर कोरोना वायरस की सारी सच्चाई सामने ला कर रख दी है। कोरोना वायरस पर एडबाइसरी जारी करने वाली इग्लैंड की कमेटी ने खुद अपनी गलती मानते हुए यह स्वीकार किया है । कि कोरोना को वे जितना खतरनाक समझ रहे थे असल में यह उतना खतरनाक नही है। पहले यह माना जा रहा यथा की कोरोना की वजह से लगभाग 1 प्रतिशत लोगो की मौत होगी। आज जबकि कोरोना की बजह से होने वाली मौतों का 2 माह का डेटा आ चुका है। इसको देखकर साफ है कि कोरोना की वजह से सिर्फ .002 प्रतिशत लोगो की मृत्यु हुई है। इससे ज्यादा लोग तो साधारण वायरल की वजह से हर साल भर जाते हैं ।
दिनांक 13 अप्रैल 2020
कोरोना कांस्पीरेसी में एक नया अध्याय और जुड़ गया है। यह तो अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि कोरोना का लिंक कहीं न कहीं अमेरिका और चीन के मध्य चल रहे tradewar से हो सकता है। लोग यह कानाफूसी कर रहे थे कि चीन ने अमेरिका की इकॉनमी को तहस नहस करने के लिए यह वायरस बनाया है। और अमेरिका के सदर ने चीन पर जुर्माना वदूल्ने की बात कहकर कहीं न कहीं इसकी पुष्टि कर ही दी थी। परंतु आज एक नया सच सामने आया है कि चीन के वुहान शहर की जिस लैब से कोरोना वायरस फैलने की बात कही जा रही है दरअसल उस लैब की फंडिंग अमेरिका करता है। मतलब अब लोग अनुमान यह लगा रहे हैं कि अमेरिका ने जानबूझकर कहीं चीन को तबाह करने की योजना तो नही बना डाली थी। सच जो भी हो पर बहुत मजेदारऔर डरावना होगा । tradewar से स्टार्ट हुआ यह खेल असल में कितना गंदा और गहरा है इसका परत दर परत खुलासा समय के साथ। खुद व खुद हो जाएगा