एक मित्र ने पूछा यार क्या करूँ
आजकल काम में बहुत मंदा है
दूसरा बोला बाबा बनजा
कम लागत में सबसे अच्छा धंधा है
आज किसी के पास कोई शोरूम है या ढाबा है
इन सब से ज्यादा मौज में बाबा है
मित्र बोला में शादी सुदा हूँ
यह सबसे बड़ी कठिनाई है
में बोला तू एक से घबरा गया
एकआध बाबा की तो कई को लुगाई हैं।
एक लंबा सा तिलक लगाकर दाढ़ी बढा ले
फिर चाहे किसी को भी मूरख बना ले।
मित्र कहने लगा यह बात नही है यार
अभी कल ही दो बाबा तिहाड़ जेल से छूटे हैं
टीम बाबा तो पब्लिक ने सरेआम कूटे हैं।
मै बोला जेल जाना आजकल कौन सा मुश्किल काम है
वहां तो हर सुविधा और आराम है
वहां तो तुझे एक से एक VIP मिल जाएंगे।
10 20 चेले तो तेरे जेल में ही बन जाएंगे
अब तो तू एक काम कर कोई से एक भगवान पकड़ ले
उसकी सारी कथाएं मुँह जुबानी रट ले।
दो तीन आरती और चार पांच संस्कृत के श्लोक याद कर लियो
ढोलक मंजीरे वाले कि जरूरत पड़े तो भाई मेरे को धर लियो
वैसे भी तो पब्लिक को तो केवल आंख मूंदकर गर्दन हिलानी है
उन्हें नही पता मूर्छित कौन पड़ा है और बूटी किसको लानी है
के लोग तो केवल भंडारा खुलने की बाट में रहते हैं
एकाध ऐसे भी आते हैं जो अपनी पुरानी चप्पल बदलने की ताक में रहते हैं
मुझको तो याद है एक मंच पर महिला ने बाबा से ऐसी प्रीत जोड़ी
भाईसाब पंद्रह मिनट तक बाबा की पिंडी नही छोड़ी
चेले ने कहा बाबा इसपे कोई कृपा बरसा।
बाबा बोला भाई पहले मेरी पिंडी तो छुड़वा।
कृपा तो आजकल चुटकियों में ही बरस जाती है
मात्र गोलगप्पा और डोसा खाने से तक़दीर बदल जाती है
वैसे पब्लिक भी इन्ही बातों में राजी है
क्योंकि किसी का फेवरेट समोसा है किसी को पसंद पावभाजी है
इसका मतलब यह नही कोई कुछ भी खायेगा
आराम तो तभी पड़ेगा जब बाबा बताएगा।
तेरी यदि दुकानदारी चल गई तो राजनीति में भाग्य आजमाना है
कुछ भी कर यार पब्लिक का बेबकूफ ही तो बनाना है
अगर नेता के साथ साथ बाबा हो गया
समझ ले सोने पे सुहागा हो गया
क्यों आजकल भगवान कथाएं महलों में ही रचती हैं।
अरे झुग्गियों में कहीं भागवत कथाएं वचती हैं।
और यह कथाकार लोग भगवान को आजकल अमीरों के यहां ही खिलाते हैं
दिल्ली के बेरोड सुदामा के तंदुल भगवान अब गरीबों के यहां कब खाते हैं।
भगवान को तो छप्पन प्रकार के भोग लगाएं जाते हैं।
दूसरी तरफ मेरे देश के करोड़ो बच्चे भूख से बिलबिलाते हैं
ऐसा कौन सा भगवान होगा जो बच्चो को भूखा देख छपन भोग खा लेगा ।
वो तो तभी प्रसन्न होगा जब एक भाई दूसरे भी को गले से लगा लेगा
आजकल आयोजकों को भी पैसा और मान सम्मान चाहिए
सच बताना मेरे दोस्त ऐसे कितने लोग हैं जिन्हें भगवान चाहिए
Nice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
हटाएंSuper funny धन्यवाद शेयर करने के लिए
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