मंत्री जी बोले-महाराज!
आज जल्द ही कुछ निर्णय लें,
क्या आप सब देख रहे हैं,
शायद लोग सैकड़ों मर जायेंगे!
राजा - क्यों? लोग क्यों मरेंगे!
मैंने किस बात की सजा दी?
बाटा किसान टीम,
धाराप्रवाह भीड़ में मिलाकर बीमारी फैलाता है ।
मंत्री - महाराज आपकी बैठकें
तो अब बंद करने के लिए आदेश?
राजा - न्यूज़मैन!
मुलाकात होगी, कुछ लोगो को बुलाओ,
कमीशन को बताओ
चुप रहो!
पहली जीतो राज्य, गद्दा नहीं छीना ।
मंत्री-अच्छी कीमत मिलेगी तो वही जान देंगे!
राजा - लेकिन,
आपके साथ कुछ नहीं होता है ।
व्यापार व्यापारी का काम है, राजा का नहीं,
सत्ता रखते हुए बाकी तो बांटना ही पड़ेगा ।
आप निश्चित रूप से जानते हैं!
मंत्री - महाराज इस बीच मौत की बीमारी बढ़ रही है,
क्योंकि ऑक्सीजन खत्म हो गई है!
अगर अभी भी नहीं सोचा तो गद्दा टोल तक जायेगा
राजा - क्यों! कार्यकर्ता क्या करते हैं?
ऑक्सीजन नहीं बनाई जा सकती!
मंत्री जी-मैंने उन्हें आपकी मूर्ति बनाने के लिए लगाया है,
लंबे समय से कोई छुट्टी नहीं ।
कहाँ हैं राजा और डॉक्टर,
काम पर कोई दवा है या सब बुरा है ।
मंत्री - सर! मैंने कुछ टीका लगाया है,
लेकिन यह नग्न है,
कहो तो सब कुछ मुफ्त में बाँट दो,
लोग धन्य और धन्य होंगे ।
राजा - बिल्कुल नहीं,
क्या आपको अपने हाथ की लक्ष्मी पैरों पर रखनी है?
उज़बुक एक दुख के तरीके से आपको क्या कहता है!
मंत्री - तो महाराज! क्या करें?
राजा - जितना वो चुकाता है उतना ही दे दो!
राजसी भरना चाहते हैं,
तो लोगों को रसातल में जाने दो,
कोई अच्छा नहीं है ।
मंत्री - लेकिन राजन,
ये है कालाबाजारी की निशानी,
उद्योगपति आएंगे और मुनाफे का गुड़ खाएंगे ।
राजा - बुरी तरह से मत डांटो,
चुनाव में बयाना को मिटाने वाले हैं ।
इनके बारे में ना सोचें तो कोई बात नहीं,
राज्य दो खेती से नहीं जंगल से चलता है ।
मंत्री-महाराज, तो जनता को क्या संदेश दूँ?
अगर आपसे पूछ लिया तो?
राजा - उन्हें बताओ -
जिसको खुदा मारता है
क्या राजा उसे बचा सकता है!
धर्म की बात फैलाओ,
तो इसे परिवार के साथ रहने दो ।
मंत्री - भले ही न माने, जवाबदेही चाहिए तो?
राजा - गणना! हिसाब किसे चाहिए?
स्कूल बंद कर दिया है,
फिर अंतरात्मा का इतना संघर्ष क्यों!
सुनो मंत्री जी, जो सवाल करे, उसे पकड़ा जाना चाहिए,
मेरे राज्य में गद्दारों की कोई जगह नहीं है ।
मंत्री - राजन आदेश से,
जो आया है दरबार में ।
सवाल पूछने के लिए
हाल ही में राजनीति की अक्षमता के कारण माँ को खोया था ।
राजा-बाटे, दरबार में आये,
कहा बुलाते हो सारे सैनिक, पैदास और कमांडरों को,
उसे बंधा रहने दो ।
मंत्री-महाराज इनकी जरूरत नहीं है ।
देखो और देखो -
उस दरवाजे पर खड़े होकर,
नग्न एक बच्चा है ।