जोमैटो ने पिछले हफ्ते जब यह घोषणा की की जोमैटो ब्लैंकेट कंपनी को स्क्वायर करना जा रहा है मार्केट में इस खबर को पॉजिटिव नहीं लिया और जोमैटो का शेर 4 दिन में ₹70 से ₹53 पर आ गया कोई भी इन्वेस्टर यह नहीं चाहेगा कि कंपनी एक ऐसी कंपनी का सहारा बने जो कि हमेशा से ही लॉस मेकिंग रही है बता दें कि ब्लैंकेट एक लॉस मेकिंग कंपनी है हालांकि जोमैटो भी लॉस मेकिंग कंपनी है लेकिन ब्लैंकेट का लॉस जोमैटो के लॉस से कहीं ज्यादा है और ब्लैंकेट जब से बनी है तब से आज तक कभी मुनाफे में नहीं रहे इस डील को लेकर इन्वेस्टर में काफी सुगबुगाहट थी कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि जोमैटो एक लॉस मेकिंग कंपनी को सहारा देने जा रहा है जिसका कोई भविष्य नहीं है आज हम आपको इस डील में आ रहे एक नए एंगल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं दरअसल इसमें दोनों कंपनी के को फाउंडर्स का पारिवारिक हित छिपा हुआ है लग रहा है जोमैटो की आकृति चोपड़ा के पति ब्लैंकेट में को फाउंडर हैं दोनों पति पत्नी दोनों अलग-अलग कंपनियों के कोफाउंडर होने के साथ-साथ इस डील में अहम रोल अदा कर रहे हैं एक तरफ जहां आकृति को चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर से प्रमोद करके सीधा को फाउंडर बनाया गया वही उनके पति ब्लैंकेट कंपनी में पहले से ही को फाउंडर रहे हैं जब आकृति चोपड़ा को जोमैटो का को फाउंडर बनाया गया था तब उनके उनके हस्बैंड के दोस्त जोकि जोमैटो में कार्यरत थे उन्होंने बिना किसी रीजन के अपना इस्तीफा दे दिया था दाल में काला या काले में दाल बाला संदेह तब से ही शुरू हो गया था लेकिन अब इस संडे पर कहीं ना कहीं ठप्पा लगता है दिखाई दे रहा है जब दोनों लॉस मेकिंग कंपनियां मिलकर यह डील फैमिली साइन करने जा रही आ रही है जोमैटो ने अपनी लिस्टिंग के समय आकृति चोपड़ा को किसी भी महत्वपूर्ण पद पर नहीं दिखाया था जबकि बे कंपनी में को फाउंडर की हैसियत रखती हैं हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है की दो पारिवारिक लोग आपस में डील करके आईटी कंपनियों के स्क्वायर नहीं कर सकते लेकिन जोमैटो द्वारा अपने दस्तावेजों में आकृति चोपड़ा को किसी महत्वपूर्ण पद पर ना दर्शना संदेह उत्पन्न करता है