हुल्लड़ मुरादाबादी की जीवनी


Hullad Muradabadi Biography In Hindi :


         हमारे देश में बहुत मशहूर हास्य कवि है, जो हास्य के जरिये बड़ी बड़ी बातों से हमें सीख देते है। दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है बड़ी बातों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने में माहिर हास्य कवि हुल्लड़ मुरादाबादी के बारे में। हुल्लड़ मुरादाबादी कई मशहूर पुस्तक के लेखक है  और उन्हें मार्च 1994  में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा द्वारा  राष्ट्रपति भवन में  समान्नित भी किया गया है, तो चलिए जानते है हुल्लड़ मुरादाबादी की जीवनी के बारे में।

हुल्लड़ मुरादाबादी का वास्तविक नाम सुशील कुमार चड्ढा था। वो एक हास्य कवि थे। उन्हें अपनी कृतियों के लिए कलाश्री, अट्टहास सम्मान, हास्य रत्न सम्मान जैसे नामांकित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

हुल्लड़ मुरादाबादी का प्रारंभिक जीवन


उनका जन्म गुजरावाला पाकिस्तान में 29 मई 1942 के दिन हुआ था। बंटवारे के दौरान वह अपने परिवार के साथ मुरादाबाद आ गए थे और वहां किराए पर रहने लगे। उनकी पत्नी का नाम कृष्णा चड्ढा हैं। उनकी दो बेटियां है, जिनके नाम सोनिया और मनीषा हैं। उनका एक पुत्र है जिनका नाम नवनीत हुल्लड़ है, जो एक मशहूर युवा हास्य कवि है। उन्होंने केजीके कालेज, मुंबई से Bsc. और हिंदी से एमए की डिग्री प्राप्त की थी। पढ़ाई के साथ साथ ही उन्हें कविता पाठ करने की रूचि लग गई थी।

कवि जीवन की शुरुआत


काफी कविताएं लिखने के बाद उन्हें हास्य कविता की तरफ रुचि होने लगी। हिंदी काव्य मंच पर उन्होंने ‘सब्र’ उप नाम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, यह साल  1962 की बात थी। बाद में वह 'हुल्लड़ मुरादाबादी' के नाम से मशहूर हो गए।

  हुल्लड़ मुरादाबादी की प्रकाशित पुस्तकें 


इतनी ऊंची मत छोड़ो, क्या करेगी चांदनी, यह अंदर की बात है, त्रिवेणी, तथाकथित भगवानों के नाम , हुल्लड़ का हुल्लड़, हज्जाम की हजामत, अच्छा है पर कभी कभी है, जो आज भी लोग बड़े चाव के साथ उसे पढ़ते है।

निधन

12 फ़रवरी 2014 के दिन मुंबई स्थित आवास में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वो 72 साल के थे और डायबिटीज और थायराइड  से पीड़ित थे।

हुल्लड़ मुरादाबादी की कविता साल आया है नया





                                                         क्या करेगी चांदनी


चांद से हैं खूबसूरत भूख में दो रोटियां
कोई बच्चा जब मरेगा क्या करेगी चांदनी

डिग्रियां हैं बैग में पर जेब में पैसे नहीं
नौजवां फ़ांके करेगा क्या करेगी चांदनी

चांद औरों पर मरेगा क्या करेगी चांदनी
प्यार में पंगा करेगा क्या करेगी चांदनी

जो बचा था खून वो तो सब सियासत पी गई
खुदकुशी खटमल करेगा क्या करेगी चांदनी

चांद औरों पर मरेगा क्या करेगी चांदनी
प्यार में पंगा करेगा क्या करेगी चांदनी
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