हिंदी हास्य कविता - हुल्लड़ मुरादाबादी | Hasya Kavita in Hindi,

हुल्लड़ मुरादाबादी जो की हिंदी हास्य कविता 

"परेशान" पिता ने
जनता के अस्पताल में फोन किया
डाक्टर साहब
मेरा पूरा परिवार बीमार हो गया है

बड़े बेटे "आंदोलन" को बुखार
"प्रदर्शन" को निमोनिया
तथा
"घेराव" को कैंसर हो गया है
सबसे छोटा बेटा "बंद"
हर तीन घंटे बाद उल्टियाँ कर रहा है

मेरा भतीजा "हड़ताल सिंह"
हार्ट अटैक से मर रहा है
डाक्टर साहब, प्लीज जल्दी आइए
प्यारी बिटिया "सांप्रदायिकता" बेहोश पड़ी है
उसे बचाइए।

डाक्टर बोला, "आई एम सौरी"
मैं सिद्धांतवादी आदमी हूँ
नाजायज बच्चों का इलाज नहीं करता हूँ।

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