परम पिता से प्यार नही शुद्ध रहे व्यवहार नही
इसीलिए तो आज देखलो सुखी कोई परिवार नही
परम पिता से प्यार नही ......
अन्न फुल फल मेवाओं को समय समय पर देता है
लेकिन है आश्चर्य यही बदले में कुछ नही लेता है
करता है इनकार नही भेदभाव तकरार नही
ऐसे दानी का बन्दे माने तू उपकार नही
परम पिता से प्यार नही......
मानव चोले में न जाने कितने यंत्र लगाये हैं
कीमत कोई माप सका न ऐसे अमूल्य बनाएं हैं
अंग कोई बेकार नही पा सकता कोई पार नही
ऐसे कारिकर का बन्दे करता जरा विचार नही
परम पिता से प्यार नही....
इसीलिए तो आज देखलो सुखी कोई परिवार नही
परम पिता से प्यार नही ......
अन्न फुल फल मेवाओं को समय समय पर देता है
लेकिन है आश्चर्य यही बदले में कुछ नही लेता है
करता है इनकार नही भेदभाव तकरार नही
ऐसे दानी का बन्दे माने तू उपकार नही
परम पिता से प्यार नही......
मानव चोले में न जाने कितने यंत्र लगाये हैं
कीमत कोई माप सका न ऐसे अमूल्य बनाएं हैं
अंग कोई बेकार नही पा सकता कोई पार नही
ऐसे कारिकर का बन्दे करता जरा विचार नही
परम पिता से प्यार नही....