26 जनवरी आने वाला है सभी स्कूल्स में सांस्कृतिक प्रोग्राम्म्स की टीम तैयारियों में लग गयी है 26 जनवरी के दिन सभी विद्यालयों में राष्ट्रगान होता है उसके बाद मिठाई बांटी जाती है और उसके पश्चात सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं। लगभग सभी स्कूलों में यही होता है लोग एक दूसरे को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते नजर आते हैं। आखिर यह गणतंत्र है क्या इसको स्वत्रंत्रता दिवस की ही तरह इतनी उत्सुकता से क्यों मनाते हैं । तो यहां यह बताना जरूरी समझता हूं कि गणतंत्र के बिना स्वतंत्रता अधूरी है। गणतंत्र स्वतंत्रता के उद्देश्य को पूर्णता प्रदान करता है। यदि आप स्वत्रन्त्र राष्ट्र हैं पर गणतंत्र नही तब या तो आप राजशाही के शासन में या फिर आप एकल सरकार की पद्धति पर हैं। दोनों ही कभी भी तानाशाह या निरंकुशता का शिकार हो सकते हैं। तानाशाही या निरंकुश सरकार उतनी ही पीड़ादायक हो जाती है जितना कि परतंत्रता। अतः स्वतंत्रता को पूर्णता गणतंत्र से ही प्राप्त होती हैं यह कहना अनुचित नही है।
गणतंत्र का मतलब संमशने के लिए आईये इस शब्द का विच्छेद करके समझने की कोशिश करें कि आखिर गणतंत्रता होती क्या है गण+तंत्र गण का मतलब समूह और तंत्र का मतलब राज । समूह भी किसका किसी विशिष्ट लोगों का समूह नही बल्कि देश के सभी नागरिकों का एक समान अधिकार मानते हुए देश के सभी नागरिकों का समूह। यानी देश के सभी नागरिकों की सहमति पर चलने वाला तंत्र /सरकार को गणतंत्र या लोकतंत्र कहा जाता है। चूँकि इसमे देश के सभी नागरिकों की सहभागिता हैं अतः इसमे निरंकुशता या तानाशाही सरकार होने का सवाल ही नही है । गणतंत्र में सर्वसहमति से चुनकर आयी सरकार एक निश्चित अवधि के लिए ही सरकार चलाने के लिए चुनी जाती है। उसके बाद पुनः लोगो की सहमति या मतदान पाने के लिए चUनाव की प्रकिर्या से गुजरना पड़ता है। अतः जनता के पास यह विकल्प रहता है यदि सरकार इस अवधि में उनके हितों को अनदेखा करती है तो वे एक निश्चित अवधि खत्म होने के बाद अपनी पसंद के दूसरे दाल को सरकार चलाने का मौका दे सकते हैं। इस तरह से हर पांच साल में जनता अपने अनुकूल दाल को सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपती हैं ।यही स्वतंत्रता का चरम उद्देश्य भी है । और गणतंत्र ही इस उद्देश्य की पूर्ति करता है । अतः स्वतंत्रता दिवस के बराबर ही गणतंत्र दिवस का महत्व है।
गणतंत्र का मतलब संमशने के लिए आईये इस शब्द का विच्छेद करके समझने की कोशिश करें कि आखिर गणतंत्रता होती क्या है गण+तंत्र गण का मतलब समूह और तंत्र का मतलब राज । समूह भी किसका किसी विशिष्ट लोगों का समूह नही बल्कि देश के सभी नागरिकों का एक समान अधिकार मानते हुए देश के सभी नागरिकों का समूह। यानी देश के सभी नागरिकों की सहमति पर चलने वाला तंत्र /सरकार को गणतंत्र या लोकतंत्र कहा जाता है। चूँकि इसमे देश के सभी नागरिकों की सहभागिता हैं अतः इसमे निरंकुशता या तानाशाही सरकार होने का सवाल ही नही है । गणतंत्र में सर्वसहमति से चुनकर आयी सरकार एक निश्चित अवधि के लिए ही सरकार चलाने के लिए चुनी जाती है। उसके बाद पुनः लोगो की सहमति या मतदान पाने के लिए चUनाव की प्रकिर्या से गुजरना पड़ता है। अतः जनता के पास यह विकल्प रहता है यदि सरकार इस अवधि में उनके हितों को अनदेखा करती है तो वे एक निश्चित अवधि खत्म होने के बाद अपनी पसंद के दूसरे दाल को सरकार चलाने का मौका दे सकते हैं। इस तरह से हर पांच साल में जनता अपने अनुकूल दाल को सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपती हैं ।यही स्वतंत्रता का चरम उद्देश्य भी है । और गणतंत्र ही इस उद्देश्य की पूर्ति करता है । अतः स्वतंत्रता दिवस के बराबर ही गणतंत्र दिवस का महत्व है।