कोरोना के मरिजो में आई अचानक तेजी की वजह से उतार प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने 8 अप्रैल की रात बारह बजे से उत्तर प्रदेश के निम्न 15 जिलों को सील करने का आदेश दिया है ।
बरेली, शामली ,नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा, मेरठ, कानपुर, वाराणसी,महाराजगंज, सीतापुर संह अन्य जिले सील किये गए हैं। लोगो को चिंता करने की जरूरत नही है। इन जिलों की सीमाओं को पूरी तरह सील करने के साथ उन घर के आसपास के एरिया को सील किया जाएगा जिन घरों में कोरोना के मरीज मिलें हैं। वाकी जगहों पर पहले की तरह लॉक डाउन की स्तिथि बनी रहेगी। पहले की तरह सभी आवश्यक चीजों की आपूर्ति बनाये रखने के लिए लॉकडाउन की तरह ही सेवाएं जारी रहेगी।
पर एक बात समझ से परे हैं।
भारत के पास दवा भी है जो वह अमेरिका को बेंच रहा है। और यह बार दीगर है कि अमेरिका ने लॉकडाउन नही किया है जबकि अमेरिका में भारत की तुलना में कोरोना के मरीजों की संख्या कई गुना है। तो भारत अपने यहां दवा होते हुए भी लॉकडाउन करके अपनी इकॉनमी के पंखों को क्यों कतार रहा है। इकॉनमी तो पहले ही खस्ता हाल है। यही यह लॉक डाउन की स्तिथि और चांद दिनों तक यूँही चलती रही तो भारत में लगभग 20 करोड़ लोगों के लिए घर की दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो जाएगा और लोग भूख से मरने लगेंगे । भारत में लगभग 20 करोड़ ऐसे लोग हैं जो रोज कमाते खाते हैं जिनको आप लंबे समय तक काम से दूर नही रख सकते नही तो उनके घरों की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।
तो ऐसे समय में भारत अपने यहां लॉक डाउन करके क्या साबित करना चाह रहा है । भारत का यह कदम विश्व में उसकी इकॉनमी मजबूत करेगा या कमजोर? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
बरेली, शामली ,नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा, मेरठ, कानपुर, वाराणसी,महाराजगंज, सीतापुर संह अन्य जिले सील किये गए हैं। लोगो को चिंता करने की जरूरत नही है। इन जिलों की सीमाओं को पूरी तरह सील करने के साथ उन घर के आसपास के एरिया को सील किया जाएगा जिन घरों में कोरोना के मरीज मिलें हैं। वाकी जगहों पर पहले की तरह लॉक डाउन की स्तिथि बनी रहेगी। पहले की तरह सभी आवश्यक चीजों की आपूर्ति बनाये रखने के लिए लॉकडाउन की तरह ही सेवाएं जारी रहेगी।
पर एक बात समझ से परे हैं।
भारत के पास दवा भी है जो वह अमेरिका को बेंच रहा है। और यह बार दीगर है कि अमेरिका ने लॉकडाउन नही किया है जबकि अमेरिका में भारत की तुलना में कोरोना के मरीजों की संख्या कई गुना है। तो भारत अपने यहां दवा होते हुए भी लॉकडाउन करके अपनी इकॉनमी के पंखों को क्यों कतार रहा है। इकॉनमी तो पहले ही खस्ता हाल है। यही यह लॉक डाउन की स्तिथि और चांद दिनों तक यूँही चलती रही तो भारत में लगभग 20 करोड़ लोगों के लिए घर की दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो जाएगा और लोग भूख से मरने लगेंगे । भारत में लगभग 20 करोड़ ऐसे लोग हैं जो रोज कमाते खाते हैं जिनको आप लंबे समय तक काम से दूर नही रख सकते नही तो उनके घरों की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।
तो ऐसे समय में भारत अपने यहां लॉक डाउन करके क्या साबित करना चाह रहा है । भारत का यह कदम विश्व में उसकी इकॉनमी मजबूत करेगा या कमजोर? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।