सोशल मीडिया का कमाल- वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर कटाक्ष
रामलाल की डेथ हो गयी।
बेटे ने सभी को whatsapp पर मैसेज डाल दिया कि-
" पिता जी आज GST के लिये गये थे । उनका देहांत हो गया है।"
एकाएक भीड़ जुटने लगी। एक नेता ने अपने दल के राज्य प्रमुख को msg fwd कर दिया।उसके आदेश पर हजार कार्यकर्ताओ ने घर घेर लिया।
भाषण नारे शुरू -
नेता ने माइक पर हुन्कार भरी "पहले नोट बंदी ने जानें ली और अब सरकार की GST ने जानें लेना शुरू कर दिया है। हमारे रामलाल भाई की शहादत बेकार नही जायेगी। सरकार से मुआवजा लेकर रहेगे।
पत्रकार, पुलिस और DM तक को घर वालो से मिलने नही दिया गया। रामपाल का अंत मे भारी सुरक्षा मे अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अगले दिन दिल्ली से बड़े नेता ने कहा कि GST पर पहली मौत पर हंगामा कर डालो।
उन की ओर से मुख्यमंत्री जी ने फोटो
पर फूल माला चढाई और राज्य सरकार की तरफ से पचास लाख का चेक दिया गया तथा बेटे मंगल को नौकरी की घोषणा कर दी गयी।
दस दिन तक हंगामे , बंद , जलूस ही चलते रहे। मंगल को नियुक्ति लेटर मिल गया कि फौरन DM के आफिस मे लिपिक पद पर ज्वाइन करें। उसने ज्वाइन कर लिया।
दो दिन बाद DM दौरे से लौटे तो संवेदना प्रकट करने को मंगल को अपने कक्ष मे बुलाया। बातों बातों मे पूछा कि स्वर्गीय रामलाल GST के लिये कहाँ जा रहे थे???
मंगल का जवाब सुन कर DM साहब सर पकड़ बैठ गये। आप भी सुनिये-
मंगल- " सर वह खेत को जा रहे थे। दर असल whatsapp पर मैने मैसेज को शार्ट कट मे GST लिख दिया था यानि
*G-घर S-से T- टट्टी करने*
निकले थे। पिता जी
वह फिसल गये और गिरते ही मर गये।
DM ने CM को बताया और कहा कि मुआवजा और नौकरी वापस ली जाये।
बेचारे DM को उल्टे डाट पड़ी कि मुँह बंद रखो। अखवार पढते हो कि नही। हाई कमान राजधानी मे धरने पर है। सभी विपक्षी दल शाम को महामहिम से GST से शुरू हुई मौतो को रोकने के लिये GST वापसी की मांग लेकर मिलने वाले है। GST का यह नया फुल फार्म अपने पास रखो। मंगल को धमका दो कि अब किसी से कहा तो पूरा परिवार जेल जायेगा।
*देश के वर्तमान हालात*
एक नन्हा मेमना और उसकी माँ बकरी
जा रहे थे जंगल में राह थी सकरी
अचानक सामने से आ गया एक शेर
लेकिन अब तक हो चुकी थी बहुत देर
भागने का नही था अब कोई रशता
बकरी और मेमने की हालत खस्ता।
उधर शेर के कदम धरती नापें
इधर यह दोनों थर थर कापें।
अब तो शेर आ गया एक दम सामने
बकरी लगी बच्चे को जैसे तैसे थामने
तो छिटक कर एकदम बोला बकरी का बच्चा
शेर अंकल क्या तुम हमे खा जाओगे एकदम कच्चा।
शेर मुस्कुराया उसने अपना भारी पंजा मेमने के सर पर फिराया
और बोला हे बकरी कुल कौरव आयुष्मान भव:
चिरायु भव दीर्घायु भव कर कलरव हो उत्सव
साबुत रहें तेरे सब अव्यव
आशीष देता यही पशुपनगल शेर
अब नही होगा कोई अंधेर।
उछलो कूदो नाचों और जियो हस्ते हस्ते।
अच्छा बकरी मैया नमस्ते
इतना कहकर शेर कर गया प्रस्थान
बकरी हैरान! बोली बेटा ताज्जुब है
भला यह शेर किसीपर रहम खाने वाला है
लगता है चुनाव आने वाला है।
अशोक चक्रधर
पानी से निकलकर मगरमच्छ किनारे पर आया
इशारे से उसने बंदर को बुलाया
बंदर बोला खौ खौ क्यो क्यों
तुम्हारी नजर में तो मेरा कलेजा है
मगर मच्छ बोला न न
तुम्हारी भाभी ने खास तुम्हारे लिए
सिंघाड़े का अचार भेजा है
बंदर सोचे यह क्या गड़बड़ झाला है।
लगता है जंगल में चुनाव आने वाला है
लेकिन प्रकट में बोला अचार वो भी सिंघाड़े का
यानी पानी में जमे कबाड़े का
इतनी दयावान तुम्हारी मादा है
लगता है शेर के खिलाफ चुनाव लड़ने को आमादा है।
बोला कैसे जाना कैसे जाना, बंदर बोलै ऐसे जाना
आजकल भ्रष्टाचार की नदी में नहाने के बाद
जिसको छवि स्वच्छ है वही तो मगरमच्छ है।
एक रोटी का बटवारा कराने के लिए आयीं दो बिल्ली
बंदर ने बिल्कुल भी नही उड़ाई उनकी खिल्ली
बड़ी गंभीरता से उसने अपना थैला खोला
और ठीक वैसी ही रोटी निकालते हुए बोला
किस बात की लड़ाई है दोनों एक एक साबुत रोटी खाओ न
बिल्ली दोनो हैरान दोनो के खड़े हो गए कान
बिल्ली सोचें यह क्या गड़बड़ झाला है
लगता है जंगल में चुनाव आने वाला है।
पास में बैठा हुआ एक दूसरा बंदर बोला
दखिये का है
तुमको एक रहस्य बतलाना है
जो असंभव था वह अब संभव हो गया है
अब भेड़िया दल (भ), गीदड़ दल (क), और तेंदुआ दल( कुं)
भोदुआ दल (बूं) का हमरे वानर दल में विलय हो गया है
इस जंगल का रजनीति में जंगल का पोलिटिस में
जित्ता भी लोग अनाथ है
वो कठोर हो या मुलायम सब हमारे साथ है।
इस जंगल से आतंकवाद मिटाना है और जैसे भी हो
जाइंट मोर्चा को जीताना है,
तुम हमरी पड़ोसी हो और असल बात यह
कि शेर का मौसी हो।
जितना भोट दिलवाओगी उतना चूहा पाओगी।
तो तरह तरह के नारे तरह तरह के वादे।
और नाखूनों में छुपे खूंखार इरादे,
चूहों से कहा गया कि चील नही होगी
और चीलों से कहा गया चूहा सप्लाई में ढील नही होगी।
मधुमखियों से कहा गया भालुओं से तुम्हारा प्रोटेक्शन होगा।
और भालुओं से कहा गया सारे मधुमक्खी छत्तों पर तुम्हारा
रिजर्वेशन होगा।
हिरणों से कहा गया जंगल के जीवन में अहर्य सवेरा होगा
और उल्लुओं से कहा गया दिन में भी अंधेरा होगा।
उधर झूमता हुआ उन्माद में
शेर आया अपनी मांद में
बोला ओ पूरा जंगल घेरनी
मेरी स्वीट हार्ट शेरनी आई लव यू
इलू इलू तो शेरनी बोली
ई लव यू टू इलू इलू
पर आज लग रहे हो कुछ ठीलु ठीलु
बोले ठीलू ठीलू तो ला एक व्हिस्की पीलू
शेरनी बोली व्हिस्की तो जरूर पिलाऊंगी
उसमें वर्फ़ और सोडा भी मिलाऊंगी
पर मुझे भी तो कुछ दिल दो
एक ताजा मुलायम से खरगोश खिला दो
तब सिंहनी के कानों में हुआ फुसफुसाता हुआ सा सिंघनाद
खरगोश तो खिलाऊंगा डार्लिंग मगर चुनावों के बाद।
अशोक चक्रधर
राजनीतिक व्यंग चुटकुले
2 बच्चे = सरकारी लाभ
1 बच्चा = विशेष सुविधाएं
0 बच्चे = विधायक मंत्री बनने की पूरी संभावना
कुंवारा = पूरी सरकार आपकी
( आप CM बन सकते हैं )
शादी कर के छोड़ने पर = पूरी केंद्र सरकार आपकी
( आप प्रधानमंत्री बन सकते है )?
भाजपा सरकार द्वारा जनहित में जारी ?