पीएम् वाली कुर्सी और प्यारे राहुल गाँधी का
बोलो भैया बोलो संगम होगा के नहीं
कितने इलेक्शन बीत गये हैं जनता को समझाने में
राहुल जैसा धीरज वाला है कोई और जमाने में
शपथ ग्रहण का कभी कार्यक्रम होगा के नही
बोलो भैया बोलो संगम होगा के नहीं
मोदी जी के राष्ट्रवाद में जनता उलझी जाती है
जब जब महंगाई हम देखें याद तुम्हारी आती है
तेल का बढ़ता दाम कभी कम के नही
बोलो भैया बोलो संगम होगा के नहीं
घोटालों का दौर न देखा हमने बड़े ज़माने से
चलती हुई सरकार न देखि केवल एक घराने से
फिर से देश का माल गटक्कम होगा की नही
बोलो भैया बोलो संगम होगा के नहीं
अब गलती होने न देना अपनाना अनुशासन को
आप ही लिखकर देना अब राहुल जी के भाषण को
क्यूंकि अंकगणित का ज्ञान प्रचूरतम होगा के नही
बोलो भैया बोलो संगम होगा के नहीं