स्टॉक ब्रोकिंग से फिनटेक तक, एंजेल ब्रोकिंग से एंजेल वन बनने का सफ़र

 एक ट्रेडिशनल ब्रोकिंग हाउस की तरह शुरू हुई कम्पनी देखते ही देखते कैसे फिनटेक कम्पनी बन गयी . जी हाँ हम बात कर रहे हैं एंजेल ब्रोकिंग की  यह कम्पनी १९९६ में एक ट्रेडिशनल ब्रोकर के रूप में कार्य करना प्रारंभ की थी .

इसके बाद इन्होने २०१५ में टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करना प्रारंभ किया .धीरे धीरे करके यह अपना मैक्सिमम काम टेक्नोलॉजी ड्रिवेन बन चुकने के बाद इन्होने 2019 में फ्लैट ब्रोकरेज फीस का ऑफर देकर discount ब्रोकर्स से प्रतिस्पर्धा की  और अपना क्लाइंट बेस बढाने में कामयाब रहे . 



 अब एंजेल ब्रोकिंग ने खुद को एंजेल वन नाम से रीब्रांड कर लिया है . इस नाम के पीछे अनुमान यह हैकी फाइनेंस में वन स्टॉप सलूशन प्रोवाइडर बनने के लक्ष्य को लेकर एंजेल ब्रोकिंग का नाम एंजेल वन किया गया है. एंजेल वन का फोकस अपने क्लाइंट्स को फाइनेंस से रिलेटेड प्रत्येक सलूशन प्रदान करने का रहेगा टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन की मदद से .

 टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन के कुशल इस्तेमाल का परिणाम है यह की एंजेल ब्रोकिंग अपने क्लाइंट्स के लिए इतनी ज्यादा सर्विसेज मैनेज कर पा रही है.


कम्पनी की 180 ब्रान्चेस थे पूरेदेश में जहाँ प्रत्येक क्लाइंट का फिजिकल एनरोलमेंट किया जाता था. इस तरह से एंजेल ब्रोकिंग मार्च 2015 तक .8 मिलियन क्लाइंट्स को सर्विस कर रहा था. अपने क्लाइंट्स को अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के अपने उद्देश्य को पुष्ट करते हुए कम्पनी ने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में हो रहे एडवांसमेंट, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को अडॉप्ट किया . आज कम्पनी डिजिटल model पर वर्क कर रही है. जहाँ एक नये क्लाइंट की 100 परसेंट On-boarding एंड सर्विसिंग डिजिटली हो रही है. 

एंजेल वन आज एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जो 5 मिलियन क्लाइंट्स को सर्विस प्रदान करता है.और भारत के ९८ परसेंट शहरी जनता में यह अपनी पहुँच बनाने में काम याब हुए हैं.  

 वित्तीय वर्ष 21-22की प्रथम तिमाही में एंजेल वन का मार्किट शेयर NSE के एक्टिव क्लाइंट्स में 8.8 प्रतिशत बढ़ गया.इनका क्लाइंट बसे इस दौरान 28 परसेंट बढ़ा , 21 परसेंट एवरेज डेली टर्न ओवर बढ़ा, क्वार्टर बेस पर 14 परसेंट से प्रति दिन होने वाली  ट्रेड्स बढ़ गयीं


जैसे जैसे कम्पनी का फोकस टेक्नोलॉजी ड्रिवेन प्लेटफार्म बनने की ओर है, इसके कस्टमर्स GenZ के लोग बनते जा रहे हैं जो सबकुछ एक क्लिक पर चाहते हैं जैसा की डाटा बता रहा है की एंजेल ब्रोकिंग के क्लाइंट्स की एवरेज उम्र 34 वर्ष से घटकर 29 वर्ष हो गयी है. इसका मतलब है कम्पनी के प्रोडक्ट्स ने यूथ के दिल को छुआ है. यह बात भी उतनी ही सही है की एंजेल वन फुल सर्विस ब्रोकर की सुविधा डिस्काउंट ब्रोकर के रेट में अपने क्लाइंट्स को दे रही है.

एंजेल वन का इन्वेस्टर एजुकेशन प्लेटफार्म स्मार्टमनी  इन्वेस्टर्स को दांतों तले उंगलियाँ दवाने को मजबूर कर रहा है. एंजेल वन का ओपन आर्किटेक्चर आधारित  प्लेटफार्म कम्पनी को अपने क्लाइंट्स को ज्यादा यूजर फ्रेंडली सर्विसेज देने में मददगार साबित हुआ है. इसलिए थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स  जैसे vested, sensibull , streak and smallcase के साथ इंटीग्रेशन और इनकी  स्वयं की डेवलप्ड API स्मार्ट एपीआई(Smart API) ने यूथ और इनके यंग क्लाइंट्स को एम्रपावर किया है ज्यादा प्रोडक्ट्स रेंज के साथ effectively एंड efficiently ट्रेड और invest करने के लिए. 


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