* समस्याओ को नश्तर की तरह प्रयोग कर ही असफलता के नासूर चीरे जा सकते हैं और दर्द की पीड़ा से उबरा जा सकता है।
आवश्यकता अविष्कार की जननी है यह बात हम लोग बचपन से रटते आएं है पर हाँ यह आवश्यकता और अविष्कार का सम्बन्ध हमे केवल विज्ञान के क्षेत्र में हुई उन्नति को समझने के लिए बताया गया।
अगर व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सिद्धान्त जीवन में उन्नति का रास्ता भी दिखता हैं ।
जीवन समस्याओ से भरा है अक्सर लोगो को कहते सुना है सचमुच जीवन में बहुत समस्याएं है हर कदम पर संघष है पर जिन जिन हुतात्माओ ने इन समस्याओ को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर इनसे निजात पाने को आवश्यक जानकर प्रयास किआ उन्हें कभी निराशा ने अपना शिकार नही बनाया। और जब बे किसी समस्या का हल लेकर उभरे तो अपने साथ साथ न जाने और कितने ही निरीह लोगो का सहारा बने। समस्या कोई भी हो उसका हल जरूर होता है और उसका सर्वमान्य हल ही सर्बोत्तम हल होता है।
आवश्यकता अविष्कार की जननी है यह बात हम लोग बचपन से रटते आएं है पर हाँ यह आवश्यकता और अविष्कार का सम्बन्ध हमे केवल विज्ञान के क्षेत्र में हुई उन्नति को समझने के लिए बताया गया।
अगर व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सिद्धान्त जीवन में उन्नति का रास्ता भी दिखता हैं ।
जीवन समस्याओ से भरा है अक्सर लोगो को कहते सुना है सचमुच जीवन में बहुत समस्याएं है हर कदम पर संघष है पर जिन जिन हुतात्माओ ने इन समस्याओ को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर इनसे निजात पाने को आवश्यक जानकर प्रयास किआ उन्हें कभी निराशा ने अपना शिकार नही बनाया। और जब बे किसी समस्या का हल लेकर उभरे तो अपने साथ साथ न जाने और कितने ही निरीह लोगो का सहारा बने। समस्या कोई भी हो उसका हल जरूर होता है और उसका सर्वमान्य हल ही सर्बोत्तम हल होता है।