Dear Jindgi

जिंदगी  कुछ इस तरह इम्तिहान लेती है
जब कुछ देती है तो वजह  छीन लेती है ,
पाकर कोई खुश होगा उन्हें कैसे
वो जिसे मिलती हैं उसको खुद में समां लेती है।

उसने जाने क्या क्या रंग दिखाए  हैं
कितने राजा रंक  बनाये हैं
जो जीता है  शान से एक संतुलन बनाकर जीता है
मानो कोई नट रस्सी पर चलता है


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