अदब में हादसों को इसलिए अवसर नही मिलता
कभी तो सिर नही मिलता कभी पत्थर नही मिलता
करो कोशिश की अपनी दाल से चिपके रहो चिपके
चमन में टूटे पत्तों को दोवारा घर नही मिलता
बनाया था बड़ी मेहनत से मैंने एक घर जिसमे
मुझे ही चैन से सोने को अब बिस्तर नही मिलता
कई शर्तें राखी उसने की यूं आओ तो आ जाओ
कहीं मजबूर बेटा बाप से खुलकर नही मिलता
रिश्ते सहना भी ज़िम्मेदारी है, चाहे जितनी भी जंग जारी है।
कितनी नाजुक घड़ी की सुइया हैं, और यह वक़्त कितना भारी है।।
तेरी यादें गुलाब की मैंनेशारी भी शराब की मैंने
ज़िंदगी रोशनी के लिए कितनी रातें
कभी तो सिर नही मिलता कभी पत्थर नही मिलता
करो कोशिश की अपनी दाल से चिपके रहो चिपके
चमन में टूटे पत्तों को दोवारा घर नही मिलता
बनाया था बड़ी मेहनत से मैंने एक घर जिसमे
मुझे ही चैन से सोने को अब बिस्तर नही मिलता
कई शर्तें राखी उसने की यूं आओ तो आ जाओ
कहीं मजबूर बेटा बाप से खुलकर नही मिलता
रिश्ते सहना भी ज़िम्मेदारी है, चाहे जितनी भी जंग जारी है।
कितनी नाजुक घड़ी की सुइया हैं, और यह वक़्त कितना भारी है।।
तेरी यादें गुलाब की मैंनेशारी भी शराब की मैंने
ज़िंदगी रोशनी के लिए कितनी रातें