kavi sammelan

बेटे भी घर छोड़ जाते हैं

जो तकिये के बिना कहीं…भी सोने से कतराते थे… आकर कोई देखे तो वो…कहीं भी अब सो जाते हैं… खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा ल…

जब दर्द हद से गुजर जाता है.......

आज कल की भागती दौड़ती जिन्दगी में कब कौन बिछड़ जाता हैं इस बात का अंदाजा ही नहीं लगता हैं, पता तो हमें तब चलता हैं जब हमे कोई ऐ…

हिन्दुस्तानी सेना को जब आ जाता हैं तैश- कुमार विश्वास

हिन्दुस्तानी सेना को जब आ जाता हैं तैश, उड़े हवा में हाफिज वफिज पानी मांगे दैश, जब जब भारत पर मंडराए पाकिस्तानी बाज, घर …

अज़ीज़ इतना ही रक्खो की संभल जाए......

मानवीय भावनाओं की संवेदनशीलता और नाजुकता को कविता के माध्यम से अच्छी तरह समझाया गया है। यह कहा जाता है कि खुशी अल्पकालिक औ…

किसानो को समर्पित एक मार्मिक कविता- सुदीप भोला

देख कलेजा फट जाता है, आँखों से आंसू बहते ऐसा न हो कलम रो पड़े सच्चाई कहते कहते कवि सुदीप भोला की किसानो को समर्पित एक मार्मि…

how to teach manners to children

.     _सोचने लायक बात_ मैं मैट्रो मे सफर कर रहा था। एक औरत किताब पढ़ रही थी सामने बैठा उसका छोटा बच्चा भी किताब पढ़ रहा था तभी …

Kahawatein -Hindi hasya vyang

आठ दस बैल मिलकर अंगरेगी फिल्मों के पोस्टर खा रहे थे यह देखकर नन्हें नन्हें बछड़े ललचा रहे थे  थोड़ी देर पश्चात मुझे पता चाली यह…

सम्पत सरल के राजनीतिक व्यंग

खाली कुर्सियों के बाबजूद भी लोग खड़े हैं ;दरअसल हिन्दुस्तानी आदमी ऐसी कोई चीज पर बैठना ही नही चाहता जिसपर लेट न सके आपकी संस…

सबसे करबद्ध निवेदन है बोलो भारत माता की जय :कविता तिवारी

कविता तिवारी जी जो कि वीर रस की कविता का पाठ करने के लिए जानी जाती हैं। मूलतः उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आती हैं। कविता तिवारी की…

शिक्षा/शिक्षक पर व्यंग कविता | गुरु पर व्यंग कविता | हिंदी हास्य कविता

गुरु पर व्यंग कविता चपरासी खीर के पतीले पर दंड पेल रहे हैं। हैडमास्टर रोटी बेल रहे हैं सारे मास्टर मिलकर खाना परस रहे हैं …

गांधी बाबा तेरी खादी बदनाम हो गयी | poem on bapu in hindi- कवि सुदीप भोला

गौरैया ने अब बागो में आना छोड़ दिया है कोयलिया ने भी दहशत में गाना छोड़ दिया है बहसी बनकर घूम रहे हैं आज चमन में भवरे। जब द…

kavi rajendra raajan

अदब में हादसों को इसलिए अवसर नही मिलता कभी तो सिर नही मिलता कभी पत्थर नही मिलता करो कोशिश की अपनी दाल से चिपके रहो चिपके चमन…

देश के प्रसिध्द कवियों के द्वारा किये के राजनितिक कटाक्ष

हुल्लड मुरादाबादी जो की हास्य के क्षेत्र में जाने माने नाम है । उन्होने एक कवी सम्मेलन में राजनितिक नेताओ पर कुछ इस तरह कटा…

हिंदी हास्य कविता नेता जी का भाषण - महेंद्र अजनबी

कोई कोई नेता भाषण देते देते इतना एक्सपर्ट हो जाता है की बो किसी भी विषय पर बोल सकता है जिसका यूज़ कुछ पता नही न हो.मेरे मुहल्ले…

राजनीति पर हास्य कविता- अनिल अग्रवंशी

इस बार आई  मोदी जी की सरकार देखो सबको बताया की अच्छे दिन आयेंगे और केजरीवाल सोच रहे मेरे धरनों के लिए कहीं एक आलिशान चबूतरा …

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