kewal do geet likhe maine lyrics Rajendra raajan |केवल दो गीत लिखे मैंने लिरिक्स




केवल दो गीत लिखे मैंने

एक गीत तुम्हारे मिलने का

एक गीत तुम्हारे खोने का

केवल दो गीत लिखे मैंने



सडको सडको शहरों शहरों

नदियों नदियों लहरों लहरों

विश्वास किए जो टूट गए

कितने ही साथी छूट गए

पर्वत रोये सागर रोये

नैयनो ने भी मोती खोये

सौगध गुथी सी अलको में

गंगा जमुना सी पलको में

केवल दो स्वपन बुने मैंने

एक स्वपन तुम्हारे सोने का

एक स्वपन तुम्हारे जगने का

केवल दो गीत लिखे मैंने.....




बचपन बचपन यौवन यौवन

बंधन बंधन कृंदन कृंदन

नीला अंबर श्यामल मेघा

किसने धरती का मन देखा

सबकी अपनी ही मजबूरी

चाहत के भाग्य लिखी दूरी

मरुथल मरुथल जीवन जीवन

पतझड़ पतझड़ सावन सावन

केवल दो रंग चुने मैंने

एक रंग तुम्हारे हसने का

 एक रंग तुम्हारे रोने का

केवल दो गीत लिखे मैंने

                                                                               राजेंद्र राजन
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