राजनीतिक व्यंग कविता कपिल मिश्रा पर | funny poetry in hindi

 राजनीतिक व्यंग कविताएं आजकल खूब पसंद की जा रही हैं । राजनेताओ के बड़े बड़े दावे उसके उलट जमीनी हकीकत होने के कारण राजनीतिक व्यंग में रस और बढ़ जाता है। प्रस्तुत कविता दिल्ली के जाने माने राजनेता श्री कपिल मिश्रा जी के राजनीतिक जीवन पर व्यंग की कविता है। 


कपिल जी भाषण में उगले अंगार

आये लपेटे में होने शिकार 

टूटे एक सितारे हैं 

मेरे मिश्रा जी

हालातों से हारे हैं मेरे मिश्रा जी।

सोचते तो होंगे काहे छोड़ी थी अरविंद की यारी

न रहे विधायक न है अब लालबत्ती की गाड़ी।

जनता ने फेल किया मोदी के सहारे हैं 

मेरे मिश्रा जी

काम कुछ नही है देशभक्ति ही केवल दिखाओ

आपियों पर गरजो गद्दारों में ही लाठी बजाओ

बलवों में रंग भरें पंगो के पिटारे हैं 

मेरे मिश्रा जी

देश धर्म की जब सेवा करने की इच्छा जगाई।

छोड़ कर प्रलोभन दांव पर अपनी कुर्सी लगाई।

भारत मां के चरणों में अपना सबकुछ बारे हैं 

मेरे मिश्रा जी।


hasya vyang in hindi

hasya vyangya in hindi

Funny Poetry in Hindi

hindi hasya kavita on politics

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने