जो देता है खुशहाली जिसके दम से हरियाली
आज वही बर्बाद खड़ा है देखो उसकी बदहाली।
बहुत बुरी हालत है ईश्वर धरती के भगवान् की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की...
ऐसी आंधी चली की घर का तिनका तिनका बिखर गया
आखिर धरती माँ से उसका प्यारा बेटा बिछड़ गया
अखबारो की रद्दी बनकर बिकी कथा बलिदान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की।
इतना सूद चुकाया उसने की अपनी सुध भूल गया
सावन के मौसम में झूला लगा के फाँसी झूल गया।
अमुआ की डाली पर देखो लाश टंगी ईमान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की.....
एक अरब पच्चीस करोड़ की भूख जो रोज मिटाता है
कह पता नही वो किसी से जब भूखा सो जाता है
फिर सीने पर गोली खाता सरकारी सम्मान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की।
मगर लड़ाई कौन लड़ेगा फसलों के हक़दार की
सरे आम बाजार में इज्जत लुट जाती खलिहान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की।
जो अपने कांधे पर देखो खुद हल लेकर चलता है
आज उसी की कठिनाइयों का हल क्यों नही निकलता है।
है जिससे उम्मीद उन्हें बस चिंता है मतदान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की...
देख कलेजा फट जाता है, आँखों से आंसू बहते
ऐसा न हो कलम रो पड़े सच्चाई कहते कहते
बाली तक गिरवी रक्खी है बेटी के अभिमान की।
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की...
चीख पड़ी खेतो की माटी तड़प उठी गम से धरती
बिना कफ़न के पगडण्डी से गुजरी जब उसकी अरथी।
और वही विदा हो गया जिसे चिंता थी कन्यादान की
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की।।
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प्रणाम है कविराज दिल भावुक जो गया हमारा दर्द गाने के लिए
जवाब देंहटाएंप्रणाम है कविराज दिल भावुक जो गया हमारा दर्द गाने के लिए
जवाब देंहटाएंAapne kavita nahi kishano ki zindgi likh di hai.
जवाब देंहटाएंAapne kavita nahi kishano ki zindgi likh di hai.
जवाब देंहटाएंdhanybaad
हटाएंनेताओ पर बनकर गिरेगा गोल ,, क्योंकि हमारे धरा पर आ गए है देश भक्ति कवि भोला ।। उस माँ को प्रणाम जिसने जिसने कविराज को जन्म दिया
जवाब देंहटाएंSir aap ne reality likhi h.....ek dm sachchayi
जवाब देंहटाएंकिसान के दर्द को शब्दों मे क्या खूब बयां कीया है आपने बहुत खूब लिखा है
जवाब देंहटाएंआपने किसानो के जीवन यात्रा का सच्चा चित्रण किया है...आपको लाखो लाख धन्यवाद...आपकी लेखनी ऐसे ही बुलन्द रहे...समाज के सबसे ज्यादा पीड़ित और शोषित वर्ग के लिए ऐसे ही गरजती रहे... यही शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंBest of luck sir for your Next poem
जवाब देंहटाएंBest of कविराज की आपकी कविता दिल को छू लेने वाली है
जवाब देंहटाएंअति उत्तम, उम्दा और जीवंत कविता
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर द
जवाब देंहटाएंMere pas sabd nhi hr
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंमैं जो भी बोलू वह कम होगा
जवाब देंहटाएंयह भोला का व्यंग्य रूपी गोला है