Hindi Poetry on Life
सबकी बात न माना कर,खुद को भी पहचाना कर।
sabki baat na mana kar , khud ko bhi pehchana kar
दुनिया में जीना है तो ,कुछ अमृत पीना है तो
dunia mein jeena hai to , kuchh amrit peena hai to
अपनी ओर निशाना कर।
apni ore nishana kar
सबकी बात न माना कर.....
sabki baat na mana kar
तूने फूल भी कांटे भी कुछ पाये कुछ बाटें भी।
tune phool bhi kante bhi, kuchh paay kuchh batein bhi.
तेरे साथ रहे हरदम मेले भी सन्नाटे भी।
tere sath rhe hardam mele bhi sannaate bhi
धूप अगर बरसात भी हैं, दिन है तो फिर रात भी है
dhoop agar barsaat bhi hai, din hai to phir raat bhi hai
गर्मी सर्दी सहते दिन नही एक से रहते दिन
garmi sardi sehte din nhi ekse rehte din
सुख दुःख दोनों ले घर में अपना आना जाना कर।
sukh dukh dono le ghar mein apna ana jana kar
सबकी बात न माना कर खुद को भी पहचाना कर।।
sabki baat na mana kar khud ko bhi pehchana kar
यह जो यार मोहब्बत है यह तो कागज़ की छत है
yeh jo yaar mohbbat hai yah to kagaz ki chhat hai
अंगारो में दहती है आंसू पीती रहती है
angaaro mein dahti hai aansu piti rehti hai
रखना इसे हिफाजत से इसे बचा हर आफत से
rakhna ese hifajat se ise bacha har aafat se
तू है अगर मोहब्बत मैं लिख दे यह प्रिये के ख़त में
tu hai agar mohabbat mein likh de yeh priye ke khat mein
या तो दीवाना हो जा या मुझको दीवाना कर।।
ya to dewana hoja ya mujhko deewana kr
सबकी बात न माना कर खुद को भी पहचाना कर...
sabki baat na mana kar, khud ko bhi pehchana kar
खुश होना सब से मिलकर रहना फूलों सा खिलकर
khush hona sab se milkar, rehna phoolon sa khilkar
सच की राहों पर चलकर राहों को भी मंज़िल कर।
sach ki rahon pr chalkar rahon ko bhi manzil kar
प्रिय में अपनी प्यास जगा मधुर मिलन की आस जगा।
priye mein apni aas jaga madhur milan ki aas jaga
सबको ही मनमीत बना दर्द मिलें तो गीत बना।
sabko hi manmeet bna dard mile to geet bna
दुनिया बहुत सुहानी है इसको और सुहाना कर
duniya bahut suhani hai isko aur suhana kar
सबकी बात न माना कर खुद को भी पहचाना कर.....
sabki baat na mana kar, khud ko bhi pehchana kar
कुंवर बेचैन के गीत
फूल को खार बनाने में तुली है दुनिया
सबको अंगार बनाने पे तुली है दुनिया
फूल को खार बनाने में तुली है दुनिया
मै महकती हुई मिटटी हूँ खुले आँगन की
मुझको दीवार बनाने पे तुली है दुनिया
हमने लोहे को गलाकर जो खिलौने ढाले
उनको हथियार बनाने पे तुली है दुनिया
जिनपे लफ्जों की नुमाइश के सिवा कुछ भी नह
उनको फनकार बनाने पे तुली है दुनिया
नन्हे बच्चों से कुंवर छीन कर भोला बचपन
उनको होशियार बनाने पे तुली है दुनिया
Motivational Poem in Hindi
नया दौर है कुछ नई बात कीजै
जो बिछड़े हैं उनसे मुलाक़ात कीजै
नया दौर है कुछ नई बात कीजै
यहाँ जो नफरतों के डेरे बहुत हैं
यह रिश्तों में भी तेरे मेरे बहुत हैं
यह माना की बाहर उजेरे बहुत हैं
मगर मन तो यह अँधेरे बहुत हैं
अमावस को भी चांदनी रात कीजै
न मन से मोहब्बत का अब हाथ छूटे
सजे ही रहे प्यार के बेल बूटे
किसी से किसी का भरोसा न टूटे
दरिंदा किसी की भी अस्मत न लुटे
अब ऐसी कोई एक करामात कीजै
नया दौर है कुछ नई बात कीजै
कहीं निर्भया अब न हो भय की मार
न हो काण्ड ऐसे की जैसे निठारी
सुरक्षित रहे कोख में हर दुलार
यह सम्मान पाय जगत भर में नारी
जहाँ रात हैं अब वहाँ प्रात कीजै
के दंगे फसादात से दूर हों हम
ना आतंक सहने को मजबूर हों हम
रहे खूब खुशहाल मशहूर हों हम
भलें हम हो मालिक या मजदूर हों हम
दिलों में मोहब्बत की बरसात कीजै
नया दौर है कुछ नई बात कीजै
सकल विश्व से प्रेम भी मन में जागे
मगर राष्ट्र से प्रेम हो सबसे आगे
ना टूटें कभी एकता के यह धागे
दिलों से यह नफरत कहीं दूर भागे
वतन के सुनहरे से हालात कीजै
inspirational poem in hindi for students
होके मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिये
जिन्दगी भोर है सूरज से(जैसे) निकलते(उगते) रहिये.
एक ही जगह पर ठहरेंगे तो थक जायेंगे
धीरे धीरे ही सही राह भी चलते रहिये
Behtarin
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