साल आया है नया हिंदी हास्य कविता- हुल्लड़ मुरादाबादी

हिंदी हास्य कविता, hasya kavita in hindi
हिंदी हास्य कविता


यार तू दाढ़ी बढ़ाले 

साल आया है नया


नाई के पैसे बचा ले

 साल आया है नया


तेल कंघा पाउडर के खर्च कम हो जाएंगे
आज ही सर  को घुटाले साल आया है नया


चाहता है तू हसीनों से अगर नजदीकियां
चाट का ठेला लगा ले साल आया है नया


जो पुरानी चप्पलें है मंदिरों के पास रख
कुछ नए जूते चुरा ले साल आया है नया


मैं अठन्नी दे रहा था तब भिखारी ने कहा
तू यही चादर बिछा ले साल आया है नया


दो महिने बर्फ गिरने के बहाने चले गए
आज तो हुल्लड़ नहा ले साल आया है नया


दौड़ में यश और धन की जो पसीना आए तो
सब्र का साबुन लगा ले साल आया है नया


मौत से तेरी फैमिली को मिलेगा फायदा
आज ही बीमा कर ले साल आया है नया


भूल जा शिकवे शिकायत जख्म पिछले साल के
साथ मेरे मुस्कुराले साल आया है नया

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