झील पर पानी बरसता है हमारे देश में हिंदी हास्य कविता

झील पर पानी बरसता है हमारे देश में, और खेत पानी को तरसता है हमारे देश में
जिंदगी का हाल खस्ता है हमारे देश में, दूध मेंहगा खून सस्ता है हमारे देश में
अब बजीरो पागलो और अफसरों को छोड़कर और खुलकर कौन हस्ता है हमारे देश में

मूर्तियाँ पीती हैं दूध कही भूखसे बच्चा तडपता  है हमारे देश में
सड़क पर होर्डिंग लगे हैं save animal
फिर कहीं थाली में सजता चिकेन मटन है हमारे देश में

नाम पर उस रब के सेवा चाहे सब की करालो
घर में बूढ़े मां बाप तरसते हैं हमारे देश में
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