देश के प्रसिध्द कवियों के द्वारा किये के राजनितिक कटाक्ष


हुल्लड मुरादाबादी

जो की हास्य के क्षेत्र में जाने माने नाम है । उन्होने एक कवी सम्मेलन में राजनितिक नेताओ पर कुछ इस तरह कटाक्ष किया।
               नेता को कहता गधा शरम ना तुझको आय।

                कहिं गधा इस बात का बुरा मान ना जाय।।

एक और कटाक्ष करते हुए उन्होने कहा


आइना उनको दिखाने की जरूरत क्या थी।
वो हैं बन्दर यह बताने की जरूरत क्या थी।
घर पे leader को बुलाने की जरूरत क्या थी।
नास्ता उसको कराने की जरूरत क्या थी।
चार बच्चों को खिलाते दुआए मिलतीं
सांप को दूध पिलाने की जरूरत क्या थी।
ड्यूटी के बखत खुद को राधा बना लिया
आई जी उसको बनाने के जरूरत क्या थी।।



अनिल agrvanshi

ने मोदी पर कुछ इस अंदाज में कटाक्ष किया।


क्या पता था रातो रात हो जायेगी ऐसी बात
एक फरमान से ही सडक पे ला दोगे
हमे क्या पता था ऐसी कडक बनेगी चाय
एक घूंट में सारी जीभ को जला दोगे
जियो मेरे लाल किया आशीष अंबानी के लिये
बाकियों को चाय वली केतली थमा दोगे
आपने लुगाई छोड़ी देश का कसूर क्या है
लगता है धीरे धीरे सबकी छुड़ा दोगे।


   
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